FIR on BJP Candidate Pravesh Verma: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार प्रवेश साहिब सिंह वर्मा जूता विवाद में फंस गए हैं। चुनाव अधिकारी ने उन्हें आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए मतदाताओं को जूते बांटने का दोषी मानते हुए पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसे लेकर प्रवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
शिकायत के आधार पर FIR का आदेश
चुनाव अधिकारी ने SHO, मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन को लिखी अपनी चिट्ठी में शिकायत का हवाला दिया। शिकायतकर्ता एडवोकेट डॉ. रजनीश भास्कर ने आरोप लगाया कि प्रवेश वर्मा ने वाल्मीकि मंदिर के परिसर में महिलाओं को जूते बांटे और उन्हें पहनाया। शिकायत में दो वीडियो साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं, जो कथित तौर पर इस घटना की पुष्टि करते हैं। चुनाव अधिकारी ने अपने पत्र में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (1) (ए) का हवाला दिया, जिसमें चुनावी लाभ के लिए उपहार बांटना भ्रष्ट आचरण माना गया है।
आम आदमी पार्टी ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा पर निशाना साधा। AAP का कहना है कि यह केवल जूते बांटने तक सीमित नहीं है। इससे पहले भी प्रवेश वर्मा पर पैसे, चश्मे और अन्य उपहार बांटने के आरोप लगाए गए हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग से इस मामले में तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग की।
प्रवेश वर्मा का बयान और नामांकन प्रक्रिया
इस विवाद के बावजूद, नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने अपने नामांकन से पहले चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने विंडसर प्लेस के पास अपने आवास से जामनगर हाउस तक पैदल मार्च निकालते हुए नामांकन दाखिल किया। वर्मा ने इस पूरे मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है।
चुनाव आयोग की सख्ती और अगली कार्रवाई
चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को तत्काल जांच और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है और किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जूता विवाद के बाद यह देखना होगा कि इस मामले का असर प्रवेश वर्मा और भाजपा की छवि पर कितना पड़ता है। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर चुनावी रैलियों में उछाल सकता है। वहीं, पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर कानूनी कार्रवाई भी तय होगी।