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Free Raves in Delhi elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां मुफ्त की रेवड़ियां बांटने का ऐलान कर रही हैं। हालांकि दिल्ली सरकार के खजाने पर इसका क्या असर पड़ेगा, ये एक बड़ा सवाल है?

Free Raves in Delhi elections: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त की रेवड़ियां बांटने की होड़ लगी हुई है। आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सभी अपने मतदाताओं को लुभाने के लिए फ्री की रेवड़ियां बांट रही हैं। दिल्ली में महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा भी की जा चुकी है। अरविंद केजरीवाल इससे पहले से भी कई फ्री की योजनाएं दिल्ली में चला रहे हैं। दिल्ली में मुफ्त पानी, बिजली, महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा आदि से दिल्ली सरकार का पिछले 10 सालों में 600 फीसदी से ज्यादा सब्सिडी का खर्चा बढ़ गया है।

2025-26 वित्त वर्ष में सरकार की आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया

हालांकि कहा जा रहा है कि दिल्ली में आने वाले वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक पहली बार दिल्ली को रेवेन्यू डेफिसिट का सामना करना पड़ सकता है। इसा सीधा मतलब ये है कि दिल्ली 'सरकार की आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया' होगा। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि ऐसी स्थिति आने पर ये पिछले 30 सालों में पहली बार होगा कि दिल्ली को रेवेन्यू डेफिसिट का सामना करना पड़े। बता दें कि वित्त वर्ष 2014-15 में जब एक साल तक दिल्ली, राज्यपाल शासन के अधीन थी, उस समय खर्च 1,554.72 करोड़ रुपए था। अब ये खर्च 607 फीसदी बढ़कर 10.995.34 करोड़ रुपए हो गया है। 

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दिल्ली में चल रही मुफ्त योजनाएं

जिस तरह से सभी राजनीतिक पार्टियां मुफ्त की रेवड़ियों का ऐलान कर रही हैं, उसके लिए सोचने वाली बात है कि इन रेवड़ियों का दिल्ली सरकार के खजाने पर क्या असर पड़ेगा? एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 में पहली बार रेवेन्यू डेफिसिट का सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान समय में दिल्ली सरकार लगभग 30 मदों में सब्सिडी दे रही है। इसमें शिक्षा विभाग में 6 योजनाएं, परिवहन विभाग में 6, बिजली विभाग में 2-2 योजनाओं का लाभ, खाद्य एवं आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों में दो-दो, परिवहन विभाग में 6, पर्यावरण विभाग में चार, शहरी विकास विभाग में तीन, समाज कल्याण में 1 और विकास विभाग में 1 योजना के तहत सब्सिडी दी जा रही है। 

मुफ्त बिजली योजना

बता दें कि साल 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हर महीने 200 यूनिट फ्री बिजली, 200 से 400 यूनिट पर 50 फीसदी बिजली की कीमत में सब्सिडी, 20 हजार लीटर पानी मुफ्त दिया जाने लगा। इके साथ ही दिल्ली की DTC बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की योजना के तहत भी लाभ दिया जाने लगा। 2014-15 में बिजली सब्सिडी का खर्च 291.94 करोड़ रुपए था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद ये खर्च बढ़कर 1442.76 करोड़ रुपए हो गया। इस तरह सब्सिडी के कारण 394.2 फीसदी कीमत की बढ़त हुई। 2024-25 में ये खर्च 3600.5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इस तरह 10 सालों में 1,133 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 

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मुफ्त जल और महिलाओं की बस सफर योजना

अगर दिल्ली में मुफ्त पानी की बात करें, तो दिल्ली सराकर एक महीने में 2000 लीटर मुफ्त पानी देती है। दिल्ली जल बोर्ड के माध्यम से दी जाने वाली पानी की सब्सिडी पर बात करें, तो 2014-15 में पानी की सब्सिडी का खर्च 20.83 करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर लगभग 500 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं 2020 विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुई महिलाओं के लिए फ्री बस सफर की सुविधा के तहत भी खर्च बढ़ा है। 2019-20 में ये खर्च 44.53 करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 200 करोड़ रुपए पहुंच गया है। दिल्ली परिवहन निगम का सब्सिडी बिल 70.17 करोड़ रुपए से बढ़कर 240 करोड़ रुपए हो गया है। 

2025 विधानसभा चुनाव के लिए बांटी गईं फ्री की रेवड़ियां

बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां मुफ्त रेवड़ियां बांटने का ऐलान कर रही हैं। एक तरफ आम आदमी पार्टी महिलाओं को 2100 रुपए, पुजारियों को 18000 रुपए प्रति महीने देने का ऐलान कर चुकी है। साथ ही भाजपा अरविंद केजरीवाल की सभी योजनाओं को लागू रहने देने की बात कह चुकी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी युवा मतदाताओं को साधने के लिए अप्रेंटिसशिप स्कीम के तहत एक साल तक 8500 रुपए देने का ऐलान कर चुकी है। हालांकि इन चुनावी मुद्दों और मुफ्त की रेवड़ियों के बीच सोचने वाली बात ये है कि क्या दिल्ली सरकार का खजाना पहले से जारी योजनाओं और नई योजनाओं का बोझ उठाने के लिए तैयार है? या फिर इन योजनाओं के तले दबकर दिल्ली की जनता को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी?

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