Rural Development Board Meeting: दिल्ली सरकार के विकास मंत्री गोपाल राय ने विकास योजनाओं पर चर्चा के लिए आज ग्रामीण विकास बोर्ड की बैठक बुलाई। यह बैठक दोपहर को दिल्ली सचिवालय में आयोजित की गई। इस बैठक में दिल्ली के गांवों से जुड़ी विकास योजनाओं पर चर्चा हुई। इस मीटिंग में ग्रामीण विकास बोर्ड के अधिकारियों के अलावा दिल्ली के गांवों से जुड़े विधायक भी मौजूद रहे। मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि गांवों के लिए 284 नए प्रस्ताव पारित किए गए हैं।

गोपाल राय ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

विकास मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली ग्राम विकास बोर्ड ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के गांवों में सड़कों और नालियों के लिए 245 करोड़ रुपये के 284 नए प्रस्ताव पारित किए हैं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए छह सदस्यों की एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। यह इसलिए किया गया क्योंकि विकास के कार्यों में देरी की शिकायतें मिल रही थी। मंत्री ने कहा कि गांवों के लिए 759 करोड़ रुपये की 564 विकास परियोजनाएं पहले ही बोर्ड द्वारा पेश की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अब तक इस बोर्ड द्वारा लगभग 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पारित की जा चुकी हैं।

एलजी ने गांवों का किया था दौरा

इससे पहले, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 2 जनवरी को गांवों को विकसित करने के अभियान 'दिल्ली ग्रामोदय अभियान' में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के गांवों में बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली के एलजी ने कहा कि मैं दिल्ली के गांवों का दौरा करता रहता हूं और मैंने देखा है कि वहां सड़कें, जल निकासी, स्वच्छता जैसे मुद्दे हैं। 

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दिल्ली के गांवों को बदलने की कवायद तेज

दिल्ली भारत की राजधानी है इसलिए दिल्ली में सब कुछ विश्वस्तरीय होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं है। दिल्ली के गांवों में बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले साल, मैंने 5 गांवों को गोद लिया और वहां पर बहुत काम किया गया। हर गांव में अच्छी सड़कें, साफ नाली, स्ट्रीट लाइट, पुलिस चौकी, खेल सुविधाएं, डिस्पेंसरी और एक डाकघर जैसी सुविधा होनी चाहिए।

एलजी ने कहा कि कार्यक्रम इसी उद्देश्य पर केंद्रित है कि हम गांवों में जाएं और गांव के लोगों से उनकी समस्याएं पूछे। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों ने हर गांव का सर्वे किया है और ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के लिए एक शिविर भी स्थापित किया गया था। सक्सेना ने कहा कि अब हम गांवों से ही उनकी जरूरतों के बारे में पूछ रहे हैं। हम 6-8 महीनों के भीतर गांवों का चेहरा बदलने की प्लानिंग कर रहे हैं। हम सभी उस लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे हैं।