Delhi High Court Instructions: दिल्ली हाई कोर्ट (HC) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को निर्देश जारी करते हुए पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को राहत दी है। इस निर्देश में हाई कोर्ट कहा है कि इन शरणार्थी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें। न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने साल 2013 में दर्ज याचिका में केंद्र सरकार के बयान पर विचार करते हुए यह आदेश पारित किया। पहले दिए गए दिए बयान में केंद्र सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान से भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं को समर्थन देने का प्रयास किया जाएगा।

डीडीए ने जारी किया था नोटिस

कुछ समय पहले ही मजनू टीला में यमुना किनारे बसे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को जगह खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। ऐसे में यमुना किनारे बसे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को बेघर होने का डर सताने लगा था।  दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए जाने के बाद डीडीए ने शरणार्थियों नोटिस भेजा था। उस नोटिस में यह भी कहा गया था कि इन्हें यहां से हटाकर द्वारका इलाके में बने रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाएगा।

देश में सीएए लागू

वही, अब केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना 11 मार्च को ही को जारी कर दी है। देश में सीएए लागू होने से तीन पड़ोसी देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है। इस नए कानून से अंतर्गत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को आधिकारिक तौर पर भारत का नागरिक बनाया जा सकेगा।

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19 मार्च को होगी अगली सुनवाई

वहीं, अब कोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया कि इस मामले में 19 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह आदेश याचिकाकर्ता रवि रंजन सिंह की याचिका पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश जारी किया है।