Delhi Liquor Policy Scam: दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की नियमित जमानत याचिका पर आज बुधवार को फैसला सुनाएगा। कोर्ट के फैसले के बाद ये तय हो जाएगा की संजय सिंह जेल से बाहर आएंगे या अभी भी जेल में ही रहेंगे। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 4 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने इस केस में 31 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने अदालत में संजय सिंह की ओर से पेश हुए थे। जबकि प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने रखा था।
ईडी ने संजय सिंह की जमानत याचिका का किया था विरोध
इस दौरान ईडी ने संजय सिंह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आप नेता ने कथित शराब घोटाले की काली कमाई को सफेद बनाने के लिए एक कंपनी बनाई थी। यह काला धन दिल्ली की विवादास्पद आबकारी नीति के जरिए हुए कारोबार से आया था। संजय सिंह को इसी विवादित आबकारी शुल्क नीति की आड़ में हुए घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने कहा कि संजय सिंह 2021-22 की नीति अवधि के दौरान दिल्ली शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छुपाने और उपयोग करने में शामिल थे। ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि सिंह को मामले में अपराध से दो करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है।
संजय सिंह के पास गोपनीय दस्तावेज: ED
ईडी ने यह भी कहा कि संजय सिंह के पास इस मामले की जांच से संबंधित कुछ गोपनीय दस्तावेज भी हैं जो सार्वजनिक डोमेन में नहीं हैं। 4 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह के परिसरों में ली गई तलाशी के दौरान कुछ गोपनीय दस्तावेज प्राप्त किए गए थे। संजय सिंह दिल्ली शराब घोटाले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक हैं। वह इस मामले में कई आरोपियों के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं। ईडी ने कहा कि आप नेता ने अवैध रिश्वत प्राप्त की है। जो शराब नीति (2021-22) घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय है। इसके अलावा, उन्होंने उत्पाद शुल्क नीति 2020-21 के संबंध में दूसरों के साथ एक साजिश में भी अहम भूमिका निभाई है।
संजय सिंह ने किया इनकार
वहीं, संजय सिंह ने याचिका के माध्यम से कहा कि व शराब घोटाले मामले में न तो आरोपी हैं और न ही संदिग्ध हैं। उन्होंने कहा कि 17 अगस्त 2022 से जांच जारी है। आज तक उनके खिलाफ कुछ भी सबूत सामने नहीं आया है। संजय सिंह ने जमानत याचिका में आगे कहा था कि किसी आपराधिक गलत काम या किसी भी तरह से पीएमएलए के प्रावधानों के उल्लंघन के दोषी नहीं है। इसलिए कोर्ट को उनके खिलाफ ईडी द्वारा दर्ज झूठे, दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित मामले में संरक्षण प्रदान करना चाहिए।
ट्रायल कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका
बता दें कि इससे पहले 22 दिसंबर 2023 को ट्रायल कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत को खारिज कर दी थी। इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि अदालत का प्रथम दृष्टया मानना है कि उनके खिलाफ मामला वास्तविक है। सबूत मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं। कोर्ट को ऐसा मानने के लिए उचित आधार हैं। वह मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध के दोषी हैं। ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश ने अपना प्रथम दृष्टया विचार व्यक्त किया और कहा,"साक्ष्य और सामग्री मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध में आवेदक की संलिप्तता को दर्शाती है क्योंकि उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, आय से जुड़ी प्रक्रिया या गतिविधियों में शामिल दिखाया गया है।
जांच एजेंसी द्वारा पेश सबूत और सामग्री भी इस अदालत को यह विश्वास करने के लिए उचित आधार प्रदान करने के लिए पर्याप्त है कि वह पीएमएलए की धारा 45 के तहत निहित प्रावधानों के संदर्भ में उक्त अपराध के दोषी हैं। यह कहा जा सकता है कि उन्हें जमानत देने के लिए धारा 45 द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी नहीं होती हैं।
जेल में रहते हुए राज्यसभा की सदस्यता का शपथ लेंगे संजय सिंह
उधर, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने संजय सिंह को दूसरी बार पुलिस हिरासत में संसद जाने और राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने संजय सिंह को 8 फरवरी या 9 फरवरी को संसद जाने की इजाजत दे दी है। इसके साथ-साथ कोर्ट ने संजय सिंह के वकील को संबंधित दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर लेने के लिए तिहाड़ जेल में उनसे मिलने की अनुमति भी दे दी है।