Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को दिल्ली की कठपुतली कॉलोनी के निवासियों से जुड़े मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि वहां के लोगों का मकान तोड़ने के बावजूद उन्हें कोई घर नहीं दिया गया। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। बता दें कि यह याचिका ऑल इंडिया यूथ फाउंडेशन का ओर दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि 2017 में कठपुतली कॉलोनी के निवासियों की झुग्गियां तोड़ दी गई थी।
उस समय कॉलोनी के निवासियों को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें मकान दिया जाएगा, लेकिन आज तक उन्हें कोई घर नहीं दिया गया। इसके साथ ही याचिका में बताया गया कि झुग्गियां तोड़ते वक्त कॉलोनी के निवासियों, डीडीए और डेवलपर के बीच एक त्रिपक्षीय करार पर हस्ताक्षर किया गया था। इसमें कॉलोनी के निवासियों को नया मकान देने के वादा किया गया था।
ट्रांजिट कैंप में रह रहे कॉलोनी के लोग
कठपुतली कॉलोनी के निवासियों की झुग्गियां तोड़े जाने के उन्हें ट्रांजिट कैंप में शिफ्ट कर दिया गया। हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि कॉलोनी के निवासियों को मकान न दिए जाने की वजह से उन्हें कैंप में रहना पड़ रहा है, जहां पर उनकी मूल सुविधाओं भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। यहां के निवासियों को कैंप में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट से मांग की गई है जल्द ही कॉलोनी के निवासियों को नए मकान देने के लिए निर्देश दिया जाए।
फ्लैट बनने के बाद भी नहीं मिला कब्जा
जानकारी के मुताबिक, यहां के निवासियों के लिए फ्लैट का निर्माण भी करवाया गया है, लेकिन अभी तक लोगों को फ्लैट की चाभी नहीं दी गई है। याचिका में यह भी कहा गया कि डेवलपर की तरफ से सालों से देरी की जा रही है। साल 2022 में नए फ्लैट तैयार किए जाने के बावजूद भी कॉलोनी के निवासियों को नए मकान पर कब्जा नहीं दिया गया है। साल 2017 से लेकर आज सात साल से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक किसी को भी घर नहीं दिए गए हैं।