नरेश बाल्यान ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए लगाई गुहार, विधायक बोले- 'मैं अपराधी नहीं', HC ने दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब

AAP MLA Naresh Balyan arrested by Delhi Police in extortion case
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आप के विधायक नरेश बाल्यान अरेस्ट।
Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने नरेश बाल्यान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। आप विधायक नरेश बाल्यान ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है।

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान की जमानत याचिका पर नोटिस जारी कर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। नरेश बाल्यान को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज मामले में 4 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि उत्तम नगर से आप विधायक नरेश बाल्यान ने जमानत देने से इनकार करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।

अंतरिम जमानत दी जाए- बाल्यान

नरेश बाल्यान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने बाल्यान को जमानत देने का अनुरोध करते हुए दलील दी, जिसमें उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक है और बाल्यान की पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। इस दौरान कोर्ट में पेश हुए बाल्यान ने कहा कि उन्हें कम से कम अंतरिम जमानत दी जाए। उन्होंने कहा कि वह कोई अपराधी नहीं हैं।

इसके अलावा विकास पाहवा ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बाल्यान ने कोई अपराध नहीं किया है और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है। न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।

23 जनवरी को अगली सुनवाई

हाई कोर्ट ने नरेश बाल्यान को जमानत देने के लिए दिल्ली पुलिस को अगली सुनवाई से पहले अपनी स्थिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। इसके लिए पुलिस ने कोर्ट से समय देने का अनुरोध किया, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 23 जनवरी को निर्धारित की गई है।

बता दें कि 15 जनवरी को निचली अदालत ने नरेश बाल्यान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि बाल्यान के संगठित अपराध गिरोह से जुड़े होने के पर्याप्त सबूत हैं। साथ ही अदालत ने कहा कि कपिल सांगवान के नेतृत्व वाले अपराध सिंडिकेट में नरेश बाल्यान सदस्य के रूप में सक्रिय हैं और उनकी गतिविधियों में सहायक रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने भी किया विरोध

निचली अदालत के सामने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दावा करते हुए कहा था कि बाल्यान के केस में जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है। ऐसे में अगर बाल्यान को जमानत दी जाती है, तो वह सबूतों और गवाहों को मिटाने की कोशिश कर सकते हैं। आरोपी की तरफ से पुलिस जांच में बाधा डालने की कोशिश की जा सकती है। बता दें कि नरेश बाल्यान को 4 दिसंबर 2024 को मकोका के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उन पर कथित जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है।

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