सांस्कृतिक नवजागरण का आह्वान: दिल्ली विधानसभा में पहली बार हिंदू नव वर्ष धूमधाम से मनाया जाएगा, विपक्ष को मिलेगा नया मुद्दा!

Hindu Nav Varsh: दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही सांस्कृतिक नवजागरण की शुरुआत हुई। सीएम रेखा गुप्ता ने सत्ता संभालते ही अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ यमुना आरती की। वहीं अब पहली बार दिल्ली विधानसभा में भी सांस्कृतिक नवजागरण की नई परंपरा शुरू होने जा रही है। विधानसभा में हिंदू नव वर्ष को बड़ी ही धूमधाम से सांस्कृतिक तरीके से मनाने की योजना की जा रही है।
हिंदू नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को विधानसभा में भव्य सांस्कृतिक संध्या के रूप में मनाया जाएगा। इस आयोजन को सिर्फ धार्मिक या संस्कृतिक नजरिए से ही नहीं बल्कि राजनीतिक संदेश की तरह से भी देखा जा रहा है। हिंदू नव वर्ष के भव्य उत्सव के जरिए बीजेपी अपनी विचारधारा को और भी ज्यादा मजबूती से स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
गायक कैलाश खेर देंगे प्रस्तुति
खबर है कि 30 मार्च को हिंदू नव वर्ष के अवसर पर इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध गायक कैलाश खेर और कैलासा बैंड प्रस्तुति देंगे। इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा को सजाया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस योजना को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि ये केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि भारतीय आस्थाओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
विजेंद्र गुप्ता ने पूर्व सरकार पर साधा निशाना
विजेंद्र गुप्ता ने पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये बेहद दुखद है कि पूर्व सरकारों ने भारतीय परंपराओं और आस्था को वो सम्मान नहीं दिया, जो मिलना चाहिए था। भाजपा सरकार इस सोच को बदलने के लिए प्रयास कर रही है। पहली बार सदन में हिंदू नव वर्ष का उत्सव मनाया जाएगा। ये नई ऊर्जा और नई दिशा का संकेत होगा।
क्या हैं तैयारियां
इस आयोजन के लिए 1500 से ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस लिस्ट में दिल्ली के सातों लोकसभा सांसद के साथ ही तीन राज्यसभा सांसद शामिल होंगे। इसके अलावा विधानसभा के सभी विधायक, सरकारी विभागों के प्रमुख अधिकारी और समाज से जुड़े प्रतिष्ठित लोग भी इस आयोजन का हिस्सा होंगे। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथ रहेंगी। विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट और कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
विपक्ष को मिलेगा नया मुद्दा
सवाल ये है कि भाजपा सरकार के इस कदम को लेकर विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया रहेगी? कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता अक्सर भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हैं। ऐसे में सदन में इस कार्यक्रम का आयोजन 'सांस्कृतिक राजनीति' का हिस्सा माना जा रहा है। विपक्षी पार्टियां इसे एक विशेष धर्म को बढ़ावा देने वाला कदम कह सकती हैं।
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