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हिंदू सेना ने दिल्ली की जामा मस्जिद का सर्वे कराने की मांग करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को एक पत्र लिखा है। संगठन का दावा है कि मस्जिद की सीढ़ियों में हिंदू मंदिरों की मूर्तियों के अवशेष मौजूद हैं।

Delhi Jama Masjid ASI Survey: हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के डायरेक्टर जनरल को पत्र लिखकर दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की है। उनका दावा है कि जामा मस्जिद के निर्माण में मंदिरों के अवशेषों का इस्तेमाल किया गया था।  

औरंगजेब पर लगाया आरोप

विष्णु गुप्ता ने आरोप लगाया कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने जोधपुर और उदयपुर के कई मंदिरों को ध्वस्त किया था। उन्होंने दावा किया कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों में मूर्तियों के अवशेष मौजूद हैं। इस संबंध में उन्होंने ‘मसीर-ए-आलमगीरी’ नाम की किताब का हवाला दिया, जिसमें यह लिखा है कि मंदिरों को तोड़ने के बाद मूर्तियों के अवशेष बैलगाड़ियों के जरिए दिल्ली भेजे गए थे। गुप्ता ने कहा कि इन अवशेषों को बाहर निकालकर मंदिरों में स्थापित किया जाना चाहिए, ताकि इतिहास की सच्चाई सबके सामने आ सके।  

अजमेर दरगाह पर दावा

इसके साथ ही हिंदू सेना ने राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर भी दावा किया है। गुप्ता का कहना है कि यह दरगाह मूल रूप से एक शिव मंदिर थी। उन्होंने अदालत में याचिका दाखिल कर दरगाह का सर्वे कराने और उसे संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित किए जाने की मांग की है। अजमेर की एक सिविल अदालत ने इस मामले में 27 नवंबर को दरगाह समिति, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया था।  

Hindu Sena demand ASI Survey Jama Masjid
हिन्दू सेना ने दिल्ली के जामा मस्जिद की ASI सर्वे की मांग।

हिंदू सेना की मांगें और मकसद

  1. जामा मस्जिद का सर्वे किया जाए।  
  2. अगर मंदिरों के अवशेष पाए जाते हैं, तो उन्हें फिर से मंदिरों में स्थापित किया जाए।  
  3. औरंगजेब द्वारा किए गए मंदिर विध्वंस की सच्चाई जनता के सामने लाई जाए।  
  4. अजमेर दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित कर हिंदुओं को वहां पूजा का अधिकार दिया जाए।  

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विवादों के बीच प्रतिक्रियाएं

इन मांगों ने एक बार फिर ऐतिहासिक धरोहरों पर अधिकार को लेकर विवाद को जन्म दे दिया है। मुस्लिम समुदाय और इतिहासकार इन दावों को बेबुनियाद मानते हुए खारिज करते हैं। वहीं, हिंदू सेना ने इन मुद्दों को न्यायिक और ऐतिहासिक आधार पर साबित करने की बात कही है। सरकार और ASI की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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