Gaffar Market History: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यूं तो कई फेमस मार्केट हैं, जहां पर रोजाना लाखों लोग घूमने आते हैं। इन्हीं में से एक पुरानी दिल्ली का गफ्फार मार्केट भी है। यह मार्केट दिल्ली के करोल बाग में स्थित है। दिल्ली-एनसीआर के लोग इस मार्केट के अवश्य गए होंगे, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होंगे, जो  अभी तक इस बाजार में नहीं गए हैं। तो उन्हें बता दें कि यह मार्केट पूरे भारत की सबसे सस्ती फोन एसेसरीज की मार्केट के लिए मशहूर है। इस मार्केट में आप को 5000 से 6000 रुपये में आईफोन भी मिल जाएंगे। आज हम आपको इस मार्केट के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि इस मार्केट का नाम गफ्फार मार्केट क्यों रखा गया। अगर नहीं जानते हैं, तो नीचे पढ़िये कि इस मार्केट को यह नाम क्यों मिला। तो चलिए शुरु करते हैं...

गफ्फार मार्केट का इतिहास 70 साल पुराना

सबसे पहले गफ्फार मार्केट के इतिहास की बात की जाए तो इसका इतिहास लगभग 70 साल पुराना है। इस मार्केट के नाम के पीछे की बड़ी ही दिलचस्प कहानी है। यह मार्केट 1952 के दौरान अस्तित्व में आया था। जानकारी के मुताबिक इस मार्केट का नाम अब्दुल गफ्फार खान के नाम पर पड़ा है।

कौन थे अब्दुल गफ्फार खान 

पाकिस्तान से थे। वे पहले ऐसे गैर हिंदुस्तानी थे, जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया था। भले ही वो पाकिस्तान के थे, लेकिन उनके मन में भारत और यहां के लोगों के लिए बहुत प्रेम और आदर का भाव था। अब्दुल गफ्फार ने देश को अंग्रेजो से आजाद कराने में काफी मदद की थी। अब्दुल गफ्फार का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में 1890 में हुआ था।

अब्दुल गफ्फार खान और महात्मा गांधी।

वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित होकर उनकी राह पर चलने लगे। अब्दुल गफ्फार को फ्रंटियर गांधी भी कहा जाता है। उन्होंने महात्मा गांधी साथ मिलकर गंगा-जुमनी तहजीब और हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम किया था। अब्दुल गफ्फार ने सत्य और अहिंसा के सहारे ‘खुदाई खिदमतगार’ आंदोलन की शुरुआत की थी। आजादी की लड़ाई के दौरान सीमांत गांधी की उपाधि हासिल करने वाले अब्दुल गफ्फार खान ने भारत की आजादी के बाद 40 साल जेल में बिताए थे। 

इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकानों पर पुरानी दिल्ली की झलक

बता दें कि गफ्फार मार्केट के एक दुकानदार ने बताया कि इस मार्केट में ऑनलाइन एप्स से कहीं ज्यादा सस्ता रेट में गैजेट्स मिलते हैं। दुकानदार के मुताबिक यहां फोन खरीदने के रेट में 30 से 40 हजार रुपए तक का फर्क मिलेगा। जिसका फायदा उठाने के लिए इस मार्केट में रोजाना भारी भीड़ देखने को मिलती है। हालांकि, इस मार्केट की गलियां तो बहुत ही सकरी हैं। लेकिन पतली-पतली गलियों में इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकानें पुरानी दिल्ली की झलक देखने को मिलती है। यहां पर हर तरह का इलेक्ट्रॉनिक सामान आसानी से मिलता है। हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि यहां पर डुप्लीकेट सामान भी मिलता है। तो ऐसे में यदि आप कोई भी सामान खरीद रहें हैं तो आपको ध्यान से खरीदना होगा। 

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इस मार्केट का नजदीकी मेट्रो स्टेशन

इस मार्केट में पहुंचने के लिए बहुत ही आसान रास्ता है। इस मार्केट का नजदीकी मेट्रो स्टेशन करोल बाग है। करोल बाग स्टेशन से बाहर निकलते ही रिक्शा लेकर आप 10 मिनट में गफ्फार मार्केट पहुंच सकते हैं। हालांकि, यह मार्केट केवल रविवार के दिन बंद रहती है। अगर इस मार्केट के टाइमिंग की बात करें तो ये मार्केट सुबह 11 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुली रहती है।