Fraud Passport Racket: आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने चेन्नई से संचालित पासपोर्ट और वीजा फ्रॉड सिंडिकेट में शामिल एजेंट को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक यात्री और एक एजेंट को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। यह गिरोह लोगों को कमीशन लेकर विदेश भेजने के नाम पर ठगता था। गिरफ्तार किए गए एजेंट का नाम करमजीत उर्फ विनोद है। आरोपी दिल्ली के कृष्णापुरी, तिलक नगर इलाके का रहने वाला है।

ऐसे हुआ खुलासा

पुलिस के अनुसार, 24 फरवरी 2023 को करनबीर सिंह नामक शख्स को जर्मनी से डिपोर्ट किया गया था। यात्रा दस्तावेजों की जांच करने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसने रणजोध सिंह के नाम से नकली पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। करनबीर सिंह को केस में गिरफ्तार किया गया था। उसने खुलासा किया था कि फ्रांस की यात्रा की व्यवस्था दो एजेंटों गुरजीत सिंह और करमजीत उर्फ विनोद ने 35 लाख रुपये के बदले की थी, जिसमें से 25 लाख का भुगतान नकद और उनके खातों में किया गया था। उसने अपना पासपोर्ट गुरजीत सिंह को दिया था जिसने उसे वीजा मुहैया कराया और दुबई, सरबिया, ऑस्ट्रिया जैसे कई देशों की यात्रा में मदद की। इटली, मिलान, बारसालोना और यू.एस. में एजेंटों की मदद से फ्रांस के जाली वीजा की भी व्यवस्था की गई थी, लेकिन वह पकड़ा गया और उसका पासपोर्ट वहां की पुलिस ने जब्त कर लिया था।

इसके बाद एजेंट विनोद कुमार के निर्देश पर वह बरसालोना पहुंचा, जहां उसके लिए रणजोध सिंह के नाम से शेंगेन वीजा व पासपोर्ट की व्यवस्था की गई। इसके बाद वह विएना शहर घुमा और बाद में कैनकन पहुंचा, तो वहां उसे प्रवेश की अनुमति नहीं मिली और उसे फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) भेज दिया गया था। वहां से उसे भारत डिपोर्ट किया गया था। आगे की जांच के दौरान एजेंट गुरजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया।

कमीशन पर करता था काम

इस दौरान एजेंट करमजीत उर्फ विनोद को पकड़ने के प्रयास जारी थे। आखिर में करमजीत को चेन्नई हवाईअड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह देश से भागने की योजना बना रहा था। आरोपी ने अपना अपराध कबूल करते हुए बताया कि उसने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और वर्तमान में पिछले दो वर्षों से संयुक्त अरब अमीरात में एक निजी कंपनी में एचआर मैनेजर के रूप में काम कर रहा है। यह कंपनी चिकित्सा उपकरण प्रदान करती है। उसने आगे खुलासा किया कि वह अन्य एजेंटों के साथ कमीशन के आधार पर काम करता था।