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दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के परिसर (JNU campus) में छात्रों ने नए नियमों के विरोध में मशाल मार्च निकाला। प्रदर्शन करने वाले छात्र JNU में प्रॉक्टर की नियामवली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह प्रदर्शन को लंबा चलाएंगे और जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

JNU Protest: दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के परिसर (JNU campus) में शनिवार की शाम को छात्रों ने नए नियमों के विरोध में मशाल मार्च निकाला। ये सभी छात्र JNU में प्रॉक्टर की नियामवली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में कई छात्रों के समूह शामिल रहे। 

दरअसल, जेएनयू  प्रॉक्टर कार्यालय की ओर से नई नियमावली जारी की गई है। इस नियमावली के खिलाफ मशाल जुलूस निकालकर छात्रों ने विरोध जताया। उन्होंने नई नियमावली वापस लेने और जेएनयूएसयू में जल्द चुनाव कराने की मांग की। इस प्रदर्शन में जेएनयूएसयू और एआईएसए, एसएफआई और एनएसयूआई जैसे संगठनों के करीब 100-150 छात्रों शामिल हुए। छात्रों ने तानाशाही का आरोप लगाया। ये सभी छात्र पहले यूनिवर्सिटी के गंगा ढाबे पर एकत्र हुए और इसके बाद हाथों में जलती मशालें लेकर चंद्रभागा छात्रावास तक मार्च किया। इस दौरान नई नियमावली वापस लो, तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए।

इस वजह से विरोध जता रहे JNU के छात्र 

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जो नई नियमावली जारी की गई है। उसके अनुसार, छात्रों पर प्रतिबंधित क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करने पर 20 हजार रुपये और राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जेएनयूएसयू का कहना है कि वह अपना विरोध जारी रखेंगे और अगर सीपीओ मैनुअल वापस नहीं लिया गया और छात्रों के खिलाफ प्रॉक्टोरियल जांच बंद नहीं की गई तो भूख हड़ताल की जा सकती है। 

मांग नहीं मांगी तो लंबा चलेगा प्रदर्शन

जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि हम इस सीपीओ मैनुअल का विरोध करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक लोकाचार की रक्षा के लिए भूख हड़ताल पर बैठेंगे। वहीं छात्र संघ का कहना है कि वह जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ कार्यकारी असहयोग की अपनी योजना की घोषणा करेगा। हालांकि, घोष ने ये भी कहा कि छात्र संघ इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रशासन के साथ बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह एक लंबा आंदोलन चलाने की योजना बना रहे हैं।

 

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