Delhi DTC Bus: दिल्ली में जिस तरह मेट्रो का जाल कोने-कोने तक बिछा हुआ है, परिवहन में उतना ही योगदान डीटीसी बसों का भी है। दिल्ली में सैकड़ों डीटीसी बसें हर दिन यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने का काम करती हैं। कई दफा डीटीसी बसों के साथ हादसे की भी खबर सुनने को मिलती है, जिसका खामियाजा दिल्ली के आम लोगों को भुगतना पड़ता है। लेकिन अब दिल्ली की डीटीसी बसों में ट्रेवल करना और अधिक सुरक्षित होने वाला है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज यानी बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नियमों में कई बदलाव की जानकारी दी है।
70 लोगों की जान होती है ड्राइवर के पास
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के परिवहन मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीटीसी बसों के ड्राइवर और क्लस्टर बस के ड्राइवर को लेकर 5 नए नियम बनाए हैं, ताकि दिल्ली में सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण किया जा सके। कैलाश गहलोत ने कहा कि अगर दिल्ली की सड़क पर एक कार चलती है, तो उसमें या तो मालिक खुद बैठा होता है, या फिर 2-3 लोग होते हैं। अगर कोई ऑटो भी है, तो उसमें 2-3 लोग बैठे होते हैं, यहां रिस्क कम होता है। लेकिन एक बस में 60 से 70 लोग ट्रेवल करते हैं, अगर बस दुर्घटना की शिकार हो जाती है, तो इससे जान माल का अधिक नुकसान होता है, इसलिए हमें नियमों को अधिक पुख्ता करने की जरूरत है।
डीटीसी और क्लस्टर बसों के ड्राइवर के लिए नियम
कैलाश गहलोत ने पहले तो ये सुनिश्चित किया है कि कोई भी ड्राइवर अब से डबल शिफ्ट में काम नहीं कर सकेंगे। कई ऐसे ड्राइवर होते हैं, जो अधिक पैसा कमाने के लिए डबल शिफ्ट में काम करते हैं, इससे उसकी थकान दूर नहीं हो पाती है, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए अब से एक ड्राइवर एक ही शिफ्ट में काम कर सकेगा। कोई भी ड्राइवर 8 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी नहीं कर सकेगा। इसके लिए सभी बसों में बायोमेट्रिक फेस डिटेक्शन लगाया जाएगा। इसके अलावा सभी ड्राइवर के आधार कार्ड को एक सॉफ्टवेयर से लिंक किया जाएगा, जो इसकी जानकारी देते रहेगा।
प्रतिदिन ड्राइवर के होंगे ब्रेथ एनालाइजर
कैलाश गहलोत ने यह भी कहा है कि अगर कोई ड्राइवर किसी डिपो से नौकरी से निकाला गया हो, तो अब वह किसी अन्य डिपो पर भी ड्राइवर की नौकरी नहीं कर पाएंगे। इस सॉफ्टवेयर के जरिए मंत्रालय को इसकी जानकारी मिल जाएगी। सभी बस डिपो में ब्रेथ एनालाइजर लगाए जाएंगे, जो यह चेक करेगा कि कहीं ड्राइवर ने शराब तो नहीं पी रखी है। किसी भी ड्राइवर की ड्यूटी लगाने से पहले यह डिपो पर काम कर रहे कर्मचारियों की जिम्मेदारी होगी कि ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट करने के बाद ही उन्हें ड्यूटी पर लगाई जाए। इसके अलावा ड्राइवर को जॉब पर रखने से पहले उनका मेडिकल चेकअप दिल्ली सरकार के किसी अस्पताल से कराई जाएगी। प्राइवेट अस्पताल की रिपोर्ट मान्य नहीं होगी।
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