Kailash Gehlot Resignation from AAP: दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी और मंत्री पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल मचा दी है। गहलोत ने अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी को चिट्ठी लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी। उन्होंने पार्टी में भ्रष्टाचार और 'शीशमहल' जैसे विवादों को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
बीजेपी ने गहलोत के कदम को बताया 'साहसिक'
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को आईना दिखाया है और उनके 'लुटेरा गैंग' का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। यह कदम दिखाता है कि आम आदमी पार्टी का पतन शुरू हो चुका है। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कैलाश गहलोत का इस्तीफा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर जनता को लूटने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने भी ऐसे किया गहलोत का समर्थन
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कैलाश गहलोत के कदम को साहसी बताते हुए कहा कि गहलोत ने अरविंद केजरीवाल को उनके भ्रष्टाचार पर आईना दिखाया है। उनके इस फैसले से पता चलता है कि केजरीवाल सरकार किस हद तक भ्रष्टाचार में लिप्त है।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा का बयान
कपिल मिश्रा ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा कि केजरीवाल के मंत्री कैलाश गहलोत ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्पष्ट लिखा है कि भ्रष्टाचार के कारण आम आदमी पार्टी और सरकार में रहना अब संभव नहीं रह गया है। उन्होंने AAP पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि केजरीवाल गैंग की लूट और झूठ के खिलाफ कैलाश गहलोत का यह कदम स्वागत योग्य है। दिल्ली की हर विधानसभा में AAP के कार्यकर्ता अब पार्टी छोड़ रहे हैं।
क्या है गहलोत के इस्तीफे की वजह
कैलाश गहलोत ने चिट्ठी में लिखा कि शीशमहल जैसे शर्मनाक विवाद पार्टी के मूलभूत सिद्धांतों पर सवाल खड़े करते हैं। अगर सरकार का सारा समय केंद्र सरकार से लड़ने में बीतेगा तो दिल्ली की प्रगति कैसे होगी? मेरे पास आप से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। कैलाश गहलोत के इस्तीफे ने आम आदमी पार्टी के भीतर असंतोष और बढ़ते दबाव को उजागर कर दिया है। गहलोत का यह कदम पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर जब पार्टी पहले ही कई विवादों में घिरी हुई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आप के भरोसेमंद मंत्री कैलाश गहलोत का इस्तीफा देना पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
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