Delhi BNS Section 163: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के आदेश के बाद 30 सितंबर से 5 अक्टूबर तक के लिए दिल्ली में धारा 163 लगाया गया है, इसके तहत कहीं भी लोग भीड़ इकट्ठी नहीं कर सकेंगे, एक स्थान पर 5 से अधिक लोग जमा नहीं हो सकेंगे, लोग जुलूस नहीं निकाल सकेंगे, धरना नहीं दे सकेंगे। इसके खिलाफ कालकाजी मंदिर के पुजारी, जो कि रामलीला के आयोजक भी हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करते हुए इसे हटाने की मांग की है।
'इस धारा से धार्मिक समारोहों पर लगेगी रोक'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस याचिका में कहा गया है कि दुर्गा पूजा का त्योहार नजदीक है। ऐसे मौके पर धारा 163 लगाना उत्सवों में बाधा डालेंगे। बता दें कि याचिकाकर्ता मानस नमन सेवा सोसाइटी के सचिव हैं, चिराग दिल्ली के सतपुला मैदान में वही भव्य रामलीला मेले का आयोजन करती हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होता है, इस दौरान कई धार्मिक समारोह और उत्सव पारंपरिक रूप से होते हैं। लेकिन, दिल्ली पुलिस के निषेधाज्ञा आदेश से त्योहारों और धार्मिक समारोहों पर रोक लगेगी। इसलिए इसे हटा दिया जाए।
Delhi police prohibitory order is excessive and senseless. It is causing inconvenience to the public. It shud be immediately withdrawn
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 2, 2024
Delhi Police's Prohibitory Orders Affecting Ramlila & Religious Gatherings : Kalkaji Temple Priest Approaches SC https://t.co/xYac9rg241
दिल्ली में क्यों लागू किया गया है धारा 163
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक प्रस्तावित, MCD स्थायी समिति के चुनावों के राजनीतिक, सदर बाजार क्षेत्र में शाही ईदगाह मुद्दा और DUSU चुनाव आदि के परिणामों की लंबित घोषणा जैसे कुछ कारण है, जो दिल्ली में इन दिनों चल रहा है। इन मुद्दों पर सामान्य कानून और व्यवस्था की स्थित संवेदनशील है, यही कारण है कि दिल्ली पुलिस ने BNS की धारा 163 लागू कर दिया है, इसके लागू होने से उत्तर व मध्य के जिलों और अन्य राज्यों के साथ सीमाओं को साझा करने वाले क्षेत्रों में पांच अक्टूबर तक के लिए लोगों के इकट्ठे होने, तख्तियां, बैनर, हथियार या विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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