Khalistani Terrorist: एटीएस की नोएडा टीम और गाजियाबाद पुलिस को गुरुवार रात बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने 30 सालों से फरार चल रहे प्रतिबंधित आतंकवादी मंगत सिंह उर्फ मंगा को गिरफ्तार कर लिया है। आतंकी मंगा आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) से नाता रखता है। आतंकवादी पर 25 हजार रुपए का इनाम भी था।
मंगत सिंह को 1993 में किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि इससे पहले मंगत सिंह उर्फ मंगा को 11 मार्च 1993 में गिरफ्तार किया गया था। वो दो सालों तक जेल में रहा और फिर वो फरार हो गया था। एटीएस की तरफ से मामले की जानकारी देते हुए बताया गया कि आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) का आतंकी मंगत सिंह उर्फ मंगा को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये मूल रूप से पंजाब के खतदिया का रहने वाला है। वो पिछले कुछ समय से गाजियाबाद के कविनगर में छिपकर रह रहा था।
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जमानत मिलने के बाद हुआ फरार
मंगा के खिलाफ गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने में टाडा के तहत मामला दर्ज था। वो दो साल तक जेल में था, लेकिन 16 अगस्त 1995 को उसे जमानत मिल गई। जमानत के बाद वो फरार हो गया। फरार होने के बाद से वो पेशी पर भी नजर नहीं गया। पिछले साल, 12 दिसंबर को कोर्ट ने उसका गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
पहले अमृतसर और फिर गाजियाबाद में छिपकर रह रहा था आतंका मंगा
जानकारी के मुताबिक, मंगत सिंह काफी समय से अमृतसर के खिचलियां इलाके में छिपा रहा और इसके बाद वो गाजियाबाद में छिपा रहा। गाजियाबाद में उसके खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से टाडा के तहत मामला भी दर्ज है। बता दें कि टाडा का पूरा नाम आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम है। ये भारत में आतंकवादी कानून बनाया गया था, जो 1985 से 1995 तक लागू हुई थी। पंजाब में विद्रोह और आतंकवाद को रोकने के लिए ये कानून बनाया गया था।
बता दें कि मंगत सिंह का भाई संगत सिंह खालिस्तान कमांडो फोर्स का चीफ था। पंजाब पुलिस ने उसे 1990 में एक मुठभेड़ में मार दिया गया था।
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