होली से पहले लालू परिवार को राहत: नौकरी के बदले जमीन घोटले में दिल्ली कोर्ट का फैसला, तेज प्रताप और हेमा यादव को मिली जमानत

Tej Pratap and Hema Yadav got bail in Land for Job Scam
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तेज प्रताप यादव और हेमा यादव को नौकरी के बदले जमीन मामले में मिली जमानत।
Land For Job Scam: होली से पहले दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू प्रसाद यादव के परिवार को राहत की खबर मिली है। लैंड फॉर जॉब स्कैम केस में लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और हेमा यादव के साथ ही 8 अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है। 

Land For Job Scam: होली से पहले बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव के बेटे को राहत मिली है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और उनकी बेटी हेमा यादव और अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है। उन्हें बिहार के चर्चित केस लैंड फॉर जॉब स्कैम घोटाले में जमानत दी गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है। इस घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव का लगभग पूरा परिवार पर केस चल रहा है। इसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव, हेमा यादव, मीसा भारती समेत 103 लोग शामिल हैं।

आखिर क्यों लालू, तेजस्वी व अन्य नहीं हुए कोर्ट में पेश?

राउज एवेन्यू कोर्ट ने 25 फरवरी 2025 को सुनवाई में कहा था कि नौकरी के बदले जमीन घोटले में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और तेजस्वी यादव समेत 8 आरोपियों को पेश होने की जरूरत नहीं है। इसकी वजह ये है कि वे CBI की पहली और दूसरी चार्जशीट के समय पहले ही कोर्ट में पेश हो चुके हैं। वहीं कोर्ट ने तेज प्रताप यादव को समन भेजा था और 11 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।

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CBI कर चुकी है पूछताछ

बता दें कि सालों से लैंड फॉर जॉब स्कैम केस की जांच हो रही है। जांच के दौरान CBI लालू परिवार से पूछताछ कर चुकी है। 20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना की टीम ने पूरे परिवार से पूछताछ की थी। इस दौरान लालू यादव और तेजस्वी से लगभग 10 घंटे पूछताछ हुई थी। CBI ने उनसे लगभग 50 सवालों के जवाब मांगे थे। इसके बाद 30 जनवरी 2024 को भी लगभग 10 घंटे तक तेजस्वी यादव से पूछताछ हुई। इस दौरान उनकी बहनों से भी पूछताछ की गई थी।

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला

बता दें कि साल 2004 से 2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थी। इस दौरान बिहार में लैंड फॉर जॉब स्कैम हुआ। युवाओं से नौकरी के बदले पैसे नहीं बल्कि जमीनें ली गईं। ये जमीनें लालू प्रसाद यादव के परिजनों के नाम पर रजिस्टर हुईं। CBI ने जब जांच की, तो ये जमीनें राबड़ी देवी के साथ ही तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, बीमा भारती और हेमा देवी के नाम पर निकलीं। सिर्फ लाखों की कीमत में करोड़ों की जमीन खरीदी गई। ज्यादातर मामलों में पेमेंट कैश में हुई। इस तरह लालू प्रसाद यादव के साथ ही उनका पूरा परिवार इस घोटाला मामले की चपेट में आ गया।

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