Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में सेप्टिक टैंक, सीवर और नालियों की मैन्युअल सफाई अब बंद होगी। इसे रोकने के लिए एलजी वीके सक्सेना ने जिला मजिस्ट्रेट को उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र में जिम्मेदार स्वच्छता प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया है।
तीन साल की देरी से भेजा गया प्रस्ताव
बता दें कि करीब तीन साल की देरी के बाद इस संबंध में शहरी विकास विभाग ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में एलजी को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे एलजी ने मंजूरी दे दी है। इसे प्रस्ताव के तहत डीएम अपने क्षेत्र में आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों को तैयार करेंगे। इस मुद्दे की निगरानी खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। उन्होंने इस दिशा की समीक्षा की थी।
इस प्रस्ताव का उद्देश्य देश में हाथ से मैला ढोने की प्रथा को पूरी तरह से खत्म करना है। साथ ही समाज के सबसे वंचित वर्गों की जरूरत को पूरा करना है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने मंत्रियों के समूह ने 19 फीसदी 2020 को एक बैठक में निर्णय लिया था कि प्रत्येक जिले में डीएम को आरएसए के रूप में नामित किया जाना चाहिए।
सीवर की मैन्युअल सफाई होगी
प्रस्ताव में कहा गया है कि ऐसे काम के लिए दिल्ली जल बोर्ड प्रत्येक जिले में काम करने के लिए जनशक्ति और मशीनरी समर्पित होल्डिंग प्रदान कर सकता है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अधिनियम की धारा 7 सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई में लगे लोगों को रोकने के संबंध में है।
धारा में कहा गया है कि सीवर की सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करना स्थानीय अधिकारियों और अन्य एजेंसियों का कर्तव्य है। जिले में डीएम सीवर, सेप्टिक टैंकों और नालियों की मैन्युअल सफाई को रोकने के लिए जिम्मेदार होंगे।