Delhi LG VK Saxena: दिल्ली के राज्यपाल विनय सक्सेना और दिल्ली सरकार के खिलाफ खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। एक दिन पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता जताई थी। कहा था कि अधिकारी मंत्रियों के निर्देश नहीं मान रहे हैं और लगातार लापरवाही कर रहे हैं। यही नहीं, सौरभ भारद्वाज ने चेतावनी दी थी कि संरक्षण के बावजूद अधिकारी सजा से नहीं बच पाएंगे। उनके इस पत्र से एलजी ने भी तीखा पलटवार किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलजी विनय सक्सेना ने सौरभ भारद्वाज को लिखे पत्र में कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं पर बातचीत के लिए आपको दो बार बुलाया, लेकिन आप नहीं आए। आप लोगों को गुमराह करने में बिजी रहे। उन्होंने कहा कि खामियों की जिम्मेदारी से बचने के लिए सार्वजनिक रूप से झूठी कहानी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मुद्दे को सीधे उठाने की बजाय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से लगातार भ्रामक संदेश भेजने और मीडिया के माध्यम से दोषारोपण का खेल खेला जा रहा है।
अधिकारियों पर दोष मढ़ना गलत-एलजी
उपराज्यपाल ने अधिकारियों पर दोष मढ़ने को लेकर भी जवाब दिया। उन्होंने पत्र में लिखा कि किसी भी कमी का दोष पूरी तरह से अधिकारियों पर मढ़ना गलत है। सभी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए बार-बार पत्र भेजना स्वास्थ्य मंत्री ने एक अभ्यास बना लिया है। अधिकारियों के खिलाफ ऐसी किसी भी कार्रवाई की चिंताओं से स्वास्थ्य मंत्री को मुख्यमंत्री के साथ साझा करना चाहिए क्योंकि उन्होंने पिछले छह से सात महीने हो चुके हैं और अभी तक एनसीसीएसए की बैठक तक नहीं बुलाई।
'दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दयनीय स्थिति से मौन'
एलजी विनय सक्सेना की ओर से पत्र में लिखा गया है कि स्वास्थ्य मंत्री की ओर से लिखे नोट में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दयनीय स्थिति से मौन हूं। दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल और पूर्व में किए जाने वाले दावों को यह खारिज करता है। यह काफी आश्चर्यजनक है कि दिल्ली सरकार की ओर से संचालित राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में रूई जैसी जरूरी चीजें भी नहीं है।