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Delhi Biodiversity Park: दिल्ली में प्रदूषण कंट्रोल और यमुना सफाई को ध्यान में रखते हुए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। आज दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने जैव विविधता पार्क का उद्घाटन किया है।

Delhi Biodiversity Park: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने जैव विविधता पार्क का उद्घाटन किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यमुना के बाढ़ के मैदानों को बहाल करना और इसका पुनरुद्धार करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ग्रीन दिल्ली हमारी प्राथमिकता है और इस दिशा में मिशन मोड पर कार्य करने हेतु हर संभव प्रयास किए है और आगे भी करेंगे। डीडीए सहित अन्य संबंधित निकाय इसमें अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

90 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला है पार्क

विनय कुमार सक्सेना ने आज यानी शुक्रवार को एनएच-24 यमुना बाढ़ के मैदान के किनारे नए अमृत जैव विविधता पार्क का उद्घाटन किया है। इस मौके पर एलजी सक्सेना के अलावा विधायक अभय वर्मा, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, डीडीए उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। एलजी ने कहा कि यमुना बाढ़ के मैदान के किनारे नया अमृत जैव विविधता पार्क शहरी संरक्षण और सतत विकास हेतु एक और मील का पत्थर साबित होगा। इस बारे में डीडीए द्वारा दी गई जानकारी अनुसार अमृत जैव विविधता पार्क यमुना नदी के पूर्वी तट पर 90 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है।

14,500 प्रजातियों के लगाए गए हैं पेड़

डीडीए ने इस पार्क में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 14,500 पेड़, 18,000 झाड़ियाँ और लगभग 3.21 लाख रिवराइन ग्रास लगाई गई हैं। प्रकृति के साथ जनता के जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए, सीडब्ल्यूजी विलेज के पास एनएच-24 के किनारे दो पब्लिक इंटरफेस स्थापित किए गए हैं। डीडीए ने बताया कि यमुना बाढ़ क्षेत्र को बहाल करने की योजना के भाग के रूप में विकसित अमृत जैव विविधता पार्क यमुना नदी के पूर्वी तट पर 90 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इससे पहले अविकसित क्षेत्र, जिसका उपयोग कृषि, नर्सरी और बस्तियों के लिए किया जाता था।

पार्क में बने हुए हैं कुल 6 जलाशय

इस स्थल की स्थलाकृति समतल है और इसका ढलान यमुना नदी से दूर है, जिससे छोटे जलग्रहण क्षेत्र बनते हैं, जो वार्षिक बाढ़ से पानी इकट्ठा करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप यहां भीतर नाले भी बनते हैं। बाढ़ की संवेदनशीलता को देखते हुए, पार्क की भूदृश्य विशेषताओं को बरसाती जल के प्रबंधन, बाढ़ के जोखिम को कम करने और प्राकृतिक निस्पंदन के माध्यम से स्थानीय जल स्तर में सुधार करने के लिए रणनीतिक रूप से डिजाइन किया गया है। पार्क में बनाए गए 6 जलाशयों में 225 मिलियन लीटर पानी जमा करने की क्षमता है।

यमुना के पश्चिमी तट पर वासुदेव घाट

डीडीए के अनुसार यमुना नदी के पुनरुद्धार पर बड़े पैमाने पर काम किया है और इसके तट पर कई परियोजना विकसित की जा रही हैं, जिसमें असिता भी शामिल है, जो कभी अतिक्रमित भूमि थी और अब हरे-भरे सुंदर परिदृश्य में परिवर्तित हो गई है। इसके अलावा, बांसेरा-बैम्‍बू पार्क विकसित किया है- जो कभी सीएंडडी अपशिष्ट क्षेत्र था। यमुना के पश्चिमी तट पर, वासुदेव घाट विकसित किया गया था, जहाँ हर हफ्ते दो बार यमुना आरती होती है।

पश्चिमी तट पर एक अन्य प्रमुख परियोजना यमुना वाटिका है, जो 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैली है और चांदनी चौक के पुराने दिल्ली क्षेत्र के घने शहरी स्वरूप के लिए एक शांत वातावरण बनाने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है।

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