Delhi Historical Hanuman Mandir: अयोध्या का हनुमान मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। रामलला के दर्शन करने से पहले लोग हनुमान मंदिर का दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि आज के कलयुग में भी जो कोई सच्चे मन से राम नाम का जाप करता है, तो वहां हनुमान जी अवश्य पहुंचते हैं। राम जी के भक्त हनुमान जी की भी लगातार भक्ति करते रहते हैं। अगर आप भी राम भक्त हैं और अयोध्या नहीं गए होंगे तो वहां जाने का प्लान जरूर कर रहे हाेंगे। वहां आप राम भक्ति में डूब जाएंगे। वहीं, आज हम दिल्ली के भी एक ऐसे ऐतिहासिक हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे देखने के लिए भी देश के हर कोने से भक्त पहुंचते हैं। खास बात है कि इस प्रसिद्ध मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है। तो वक्त बर्बाद किए बताते हैं आप हनुमान जी के इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में...     

कनाॅट प्लेस में स्थित है ये प्रसिद्ध हनुमान मंदिरयह हनुमान मंदिर दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित है। बताया जाता है कि यह मंदिर महाभारत के समय का है। इसे दिल्ली का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यहां रोजाना हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। विशेषकर मंगलवार और शनिवार को पांव रखने तक की जगह नहीं मिल पाती है। हनुमान जयंती के अवसर पर यहां भजन संध्या और भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है।

आम और खास सभी आते हैं दर्शन करने

यह हनुमान मंदिर दिल्ली के प्राचीन मंदिरों में से एक है। महाभारत काल से बाल हनुमान को समर्पित इस प्राचीन मंदिर में आम और खास सभी तरह के लोग दर्शन के लिए आते हैं। यहां इस मंदिर में  देश के कई दिग्गज नेता, मंत्री और सीएम तक दर्शन करने के लिए आ चुके हैं।

महाभारत कालीन श्री हनुमान

इस प्राचीन हनुमान मंदिर की स्थापना को लेकर कहा जाता है कि पांडवों द्वारा स्थापित पांच मंदिरों में से एक है। इस हनुमान मंदिर में श्री राम, जय राम, जय जय राम मंत्र का जप 1 अगस्त 1964 से लगातार 24 घंटे किया जाता है। इस कारण मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है। कहा जाता है कि यह विश्व का सबसे लंबा जाप किया जाता है। यही वजह है कि इसका नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है। यह भी एक वजह है कि इसकी रिकॉर्डिंग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है।

मुस्लिम आक्रमणकारी ने कभी नहीं किया हमला

दिल्ली पर कई बार आक्रमणकारी हमले हुए, लेकिन किसी मुस्लिम आक्रमणकारी ने इस्लामी चंद्रमा के मान को रखते हुए कभी भी इस हनुमान मंदिर पर हमला नहीं किया।  

15 सालों से लगता आ रहा फूलों का बाजार

बता दें कि वर्तमान इमारत आंबेर के महाराजा मान सिंह प्रथम (1540-1614) ने मुगल सम्राट अकबर के शासन काल में बनाई गई थी। इसका विस्तार महाराजा जयसिंह द्वितीय (1688-1743) ने जंतर मंतर बन रहा था उसके साथ ही करवाया था। दोनों इमारतें निकट ही स्थित हैं। साथ ही इस हनुमान मंदिर के पास एशिया के सबसे बड़े फूलों के बाजार है, यह बाजार पिछले पंद्रह सालों से  लगता आ रहा है। यहां पर फूलों की बिक्री काफी जमकर होती है।