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Delhi Marriage: अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आप मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना चाहते हैं, तो इसे बनवाना काफी आसान हो गया है और सर्टिफिकेट के कई फायदे भी आपको मिलेंगे।

Delhi Marriage: शादी का सीजन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। अग्नि को साक्षी मानकर लोग शादी तो कर लेते हैं, लेकिन इस शादी को कानूनी तौर पर मान्यता देने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। 2006 से महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शादी के लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है। आप अगर दिल्ली में रहते हैं और मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की सोच रहे हैं, तो हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। आप अपना मैरिज सर्टिफिकेट कैसे घर पर रहकर ही बनवा सकते हैं।

घर बैठे अपॉइंटमेंट करें बुक

मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सबसे पहले आपको 1076 पर कॉल करना होगा। वहां पर आपको बताना होगा कि आपको मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना है। उसके बाद मोबाइल सहायक आपकी पूरी बात सुनकर आपका अपॉइंटमेंट फिक्स कर देगा। बातचीत के दौरान आप उससे पूछ सकते हैं कि मैरिज सर्टिफिकेट के लिए कौन- कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी। इसके बाद जिस दिन आपका अपॉइंटमेंट फिक्स होगा उस वक्त दिल्ली सरकार की ओर से एक मोबाइल सहायक आपके घर आएगा। जब सहायक घर आएगा तब आपको उसे मांगे गए सारे डॉक्यूमेंट देने होंगे। जिससे वो अपने टैब की मदद से आपका मैरिज सर्टिफिकेट के लिए रजिस्ट्रेशन कर सके और साथ ही आपके सारे डॉक्यूमेंट वेरीफाई भी कर सके।

मैरिज सर्टिफिकेट के लिए डॉक्यूमेंट

आपका और आपके साथी का आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, माता - पिता का पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र, शादी की फोटो, जन्म प्रमाण पत्र, गवाहों की आईडी प्रूफ, पति- पत्नी की 4-4 पासपोर्ट साइज फोटो, शादी का कार्ड, Rs 10-Non-judicial एफेडेविट और अगर आपकी दूसरी शादी है तो आपको पहली शादी का तलाक के डॉक्यूमेंट देने होंगे।

मैरिज सर्टिफिकेट की फीस

अगर आप हिंदू विवाह अधिनियम का पालन कर रहे हैं, तो आपको इसके लिए 100 रुपये देने होंगे। वहीं, अगर विशेष विवाह अधिनियम के अनुसार आपकी शादी हुई हो तो आपको 150 रुपये देने होंगे। साथ ही जो मोबाइल सहायक आपके घर आएगा उसे आपको विजिट के 50 रुपए भी देने होंगे।

हिंदू विवाह अधिनियम

इस अधिनियम के तहत हिंदू, जैन, बौद्ध का विवाह शामिल होता है। इसमें एक धर्म का विवाह एक ही एक धर्म में ही किया जाता है।

विशेष विवाह अधिनियम

इस अधिनियम के तहत अगर पति-पत्नी दोनों अलग-अलग धर्मों के हैं, तो उनका ये विवाह विशेष विवाह अधिनियम में गिना जाएगा। आपका मैरिज सर्टिफिकेट विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत बनाया जाएगा।

मैरिज सर्टिफिकेट के फायदे

मैरिज सर्टिफिकेट के फायदे की बात करें तो इसका पति-पत्नी को आगे जीवन में काफी फायदा मिलता है। अगर शादी के बाद पासपोर्ट बनवाते हैं तो उसमें शादी के सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। अगर आप दोनों को वीजा या पासपोर्ट बनवाना होगा तो उसमें मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। इसके साथ ही पति के निधन के बाद बीमा पॉलिसी के पैसों के लिए मैरिज सर्टिफिकेट बहुत जरूरी होता है। अगर तलाक होता है या पति की जायदाद में हक लेने के लिए पत्नी को मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है। इस सर्टिफिकेट के बन जाने से कपल कानूनी तौर पर शादीशुदा माना जाता है। 

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