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MCD House Meeting: दिल्ली नगर निगम का विशेष सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन में हंगामें के बीच ही दोनों प्रस्ताव पारित कर दिए गए। वहीं, विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार दिया है।

MCD House Meeting: दिल्ली नगर निगम (MCD) मुख्यालय में सोमवार को सदन का विशेष सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस सत्र के दौरान महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय ने भारी हंगामे के बीच ही दोनों प्रस्ताव पारित कर दिए। वहीं, विपक्ष ने इस प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया है। बता दें कि स्थायी समिति की शक्तियों को सदन में निहित करने के मुद्दों पर चर्चा करने और दिल्ली के 9 बाजारों में दुकानों को 'डी-सील' करने से संबंधित प्रस्ताव पर सत्र में चर्चा होनी थी।

गौरतलब है कि करीब ढाई बजे के जैसे ही महापौर डॉ शैली ओबेरॉय सत्र की कार्यवाही शुरू करने के लिए सभागार में पहुंची, तभी विपक्ष दलों के पार्षदों ने 'तानाशाही नहीं चलेगी' और 'संविधान की हत्या बंद करो' जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान विपक्षी दल के पार्षद महापौर आसन तक पहुंच गए और हाथ में नारे लिखीं तख्तियों के साथ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कागज भी फाड़कर उछाले गए।

इसके बाद करीब सवा तीन बजे महापौर के सदन में प्रवेश के लिए महापौर आसन के दोनों तरफ सुरक्षा की चैन बनाई गई, ताकि विपक्षी दल के पार्षद आसन तक नहीं पहुंच सके। जैसे ही महापौर ने सदन में फिर प्रवेश किया, तो धक्कामुक्की शुरू हो गई और आसन के सामने से ही विपक्षी दलों के पार्षद आसन पर चढ़ गए और जय श्री राम के नारे के साथ 'तानाशाही नहीं चलेगी' और 'संविधान की हत्या बंद करो' जैसे नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बाद हालातों को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया।

निगम के इतिहास में काला दिन- मुकेश गोयल

निगम में नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के इतिहास में सोमवार का दिन काला दिवस के तौर पर जाना जाएगा। महापौर को सदन में कुर्सी पर बैठने से रोका गया। निगम सचिव को बंधक बनाकर भाजपा के पार्षद बाहर बैठ गए। मुकेश गोयल ने कहा कि भाजपा तानाशाही रवैया अपना रही है। वह नहीं चाहते कि दिल्ली में कोई भी विकास के कार्य हों। अगर किसी भी प्रस्ताव को लेकर दिक्कत है, तो वह सदन में विरोध कर सकते थे, लेकिन सदन को गुंडागर्दी करके नहीं चलने देना, सरासर संविधान की हत्या करना है।

मुकेश गोयल ने कहा कि दुकानों की डी-सीलिंग के प्रस्ताव को पास करने के लिए सदन बुलाया गया था। इसके अलावा निगम में अभी तक स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है, जिसकी वजह से सारे काम ठप पड़े हुए हैं। उन सभी कार्यों को करने के लिए सदन के विशेष सत्र में प्रस्ताव पास करना था, ताकि दिल्ली के अंदर सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो। लेकिन भाजपा के पार्षदों ने सदन को हंगामा कर-कर के मजाक बना कर रख दिया।

सचिव कार्यालय के सामने भाजपा पार्षदों ने किया प्रदर्शन

दो बार हुए हंगामे के बाद भाजपा पार्षदों ने निगम सचिव कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा पार्षदों डॉ. अमित नागपाल, संदीप कपूर आदि ने नारे लगाते हुए कहा कि केजरीवाल शर्म करो, संविधान की हत्या मत करो, एमसीडी एक्ट की हत्या मत करो।

स्थायी समिति की शक्तियां नहीं ले सकता है सदन- नेता विपक्ष

निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि स्थायी समिति की शक्तियां सदन को सौंपना अमान्य और असंवैधानिक होगा। उन्होंने कहा कि सदन स्थायी समिति की शक्तियां नहीं ले सकता, क्योंकि दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। स्थायी समिति के पुनर्गठन में देरी से एमसीडी के वित्तीय मामले प्रभावित हुए हैं और कई प्रस्ताव लंबित हैं। नियमों के मुताबिक, पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्ताव बिना समिति की मंजूरी के पास नहीं हो सकते।

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