MCD on Illegal Factories in Delhi: दिल्ली में रिहायशी इलाकों में चल रही अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ नगर निगम (MCD) ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत अब तक 3,410 फैक्ट्रियों को सील किया गया है, साथ ही 14,337 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और 9.8 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
MCD ने चलाया सर्वे अभियान के साथ एक्शन प्लान
MCD के अधिकारियों के अनुसार, रिहायशी इलाकों में अवैध पर चल रही फैक्ट्रियों के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद सभी 12 जोन में एक सर्वे शुरू किया गया, जिसके तहत 18,935 फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया गया। जिसके तहत...
- अवैध संचालन में पाई गईं 3,410 फैक्ट्रियों को तुरंत सील कर दिया गया।
- कारण बताओ 14,337 नोटिस के माध्यम से फैक्ट्री मालिकों से स्पष्टीकरण मांगा गया।
- चालान और दंड के माध्यम से वसूला गया 9.8 करोड़ रुपये जुर्माना।
- MCD की कार्रवाई के बाद 6,128 लाइसेंस के लिए आवेदन किया।
क्या कहते हैं मास्टर प्लान 2021 के नियम?
दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 के मुताबिक, रिहायशी इलाकों में 112 प्रकार के गैर-प्रदूषणकारी और गैर-खतरनाक कारोबार को अनुमति दी गई है। इनमें अगरबत्ती बनाना, छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मरम्मत, आटा चक्की, सिलाई मशीन मरम्मत, बिस्किट और केक बनाना, बैडमिंटन शटलकॉक असेंबली, फोटो बड़ा करना और बैकेलाइट स्विच की असेंबली जैसे काम शामिल हैं।
कमर्शियल इलाकों और गांवों में स्पेशल छूट
कमर्शियल इलाकों में 43 प्रकार के काम जैसे साइकिल मरम्मत, प्रिंटिंग प्रेस, ऑटो पार्ट्स असेंबली और चश्मा फ्रेम बनाना आदि को अनुमति दी जाती है। वहीं, गांवों में लोहार का काम, बांस और लकड़ी से सजावटी सामान बनाना, कालीन और साड़ी बुनाई जैसे कुछ खास काम किए जा सकते हैं।
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अवैध कारोबार का बढ़ता आंकड़ा
दिल्ली में औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार तेजी से हुआ है। जिसके तहत साल 1981 में 42,000 फैक्ट्रियों में 5.7 लाख लोग काम करते थे। जबकि, 1998 तक यह आंकड़ा 1.29 लाख फैक्ट्रियों और 14.4 लाख कामगारों तक पहुंच गया। इसी के साथ MCD की कार्रवाई के बाद से हजारों अवैध फैक्ट्रियों ने अपना संचालन बंद कर दिया है। अधिकारियों का दावा है कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक अवैध कारोबार पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाई जाती।
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जनता और पर्यावरण को राहत की उम्मीद
इस अभियान से रिहायशी इलाकों में बढ़ते प्रदूषण और यातायात समस्याओं में कमी की उम्मीद है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कानून का पालन करते हुए कारोबार संचालित हों और दिल्ली का विकास संतुलित तरीके से हो।