MCD Website: दिल्ली नगर निगम (MCD) की महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने इस साल फरवरी माह के दौरान कहा था कि जल्द ही दिल्ली नगर निगम की वेबसाइट की तस्वीर भी बदलने वाली है लेकिन देखा जाए तो निगम की वेबसाइट इस डिजिटल समय में भी डिब्बे की तरह ही है। ताजा मामला यह भी सामने आया है कि वेबसाइट से वर्तमान पार्षदों की लिस्ट भी हटा दी गई है। इसके साथ ही कई विभागों में अधिकारियों की जानकारी पुरानी है।

निगम की वेबसाइट पर अधूरी जानकारी

महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा था कि जब से दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है, यहां कार्य पहले से बेहतर हो रहे हैं। इसी के तहत जल्द ही दिल्ली नगर निगम की वेबसाइट की तस्वीर भी बदलने वाली है। महापौर डॉ. ओबरॉय ने इस साल करीब चार माह पहले बताया था कि निगम का सूचना प्रौद्योगिकी विभाग वेबसाइट को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है और जल्द ही यह वेबसाइट सभी के सामने आएगी।

बता दें कि दिल्ली में जब तीन दिल्ली नगर निगम (उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी) होते थे तब उस समय दिल्ली नगर निगम की वेबसाइट पर तमाम जानकारी होती थी। जैसे की सभी विभागों पर प्रमुखों के अलावा विभाग के अन्य अधिकारियों, प्रेस एवं सूचना निदेशालय पर प्रतिदिन अखबारों में प्रकाशित होने वाली न्यूज क्लिपिंग, पार्षदों की फोटो सहित लिस्ट आदि, लेकिन इन दिनों वेबसाइट पर आधी अधूरी जानकारी उपलब्ध हैं और कई विभागों ने तो जनता को जागरूक करने वाली जानकारी अपने विभागों से हटा ली है।

पहले पारदर्शी तरीके से चलती थीं तीनों वेबसाइटें

प्रेस एवं सूचना निदेशालय के एक पूर्व निदेशक ने बताया कि पूर्ववर्ती तीन दिल्ली नगर निगमों के समय वेबसाइट पारदर्शी तरीके से संचालित होती थी, जिसमें विभागों से जुड़ी जानकारी के साथ ही टैंडर, नोटिस और ऑफिस ऑर्डर, ताजा जानकारी के साथ उपलब्ध होते थे। पूर्ववर्ती तीनों दिल्ली नगर निगम की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले और निगम की गतिविधियों को जनता के बीच पारदर्शी तरीके से पहुंचाने वाले तीनों प्रेस एवं सूचना निदेशालय बेहतर तरीके से कार्य करते थे और निगम की प्रकाशित खबरों की न्यूज क्लिपिंग वेबसाइट पर प्रतिदिन डाली जाती थी, लेकिन करीब डेढ़ साल से प्रेस एवं सूचना निदेशालय पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती है।

बजते रहते हैं लैंडलाइन नंबर, मोबाइल नंबर हटाए

इसके साथ ही वेबसाइट पर दिल्ली नगर निगम के कई अन्य विभागों पर जानकारी अधूरी है। कई विभागों ने जो ईमेल आईडी जारी की हैं, यदि उन पर जानकारी मांगी जाती है तो वहां से जानकारी भी नहीं मिल पाती है। इसके साथ ही पहले जहां विभागों के प्रमुख अधिकारियों, निरीक्षकों के मोबाइल नंबर वेबसाइट पर उपलब्ध होते थे, वहां से अब उन्हें हटा लिया गया और अब सिर्फ लैंडलाइन नंबर ही हैं और वे नंबर या तो बजते ही रहते हैं या फिर यह नंबर उपलब्ध नहीं की आवाज सुनाई देती है।