Garbage Problem Delhi: एमसीडी ने बढ़ा दी दिल्ली के लोगों की टेंशन, कचरा देने के लिए चुकानी होगी इतनी राशि

Delhi MCD will collect user charges for garbage
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कूड़ा उठाने के लिए यूजर चार्ज वसूलेगी नगर निगम।
Delhi MCD: अब तक नगर निगम लोगों के घरों से कचरा लेने की सुविधा मुफ्त दिया करती थी। हालांकि अब दिल्ली में घर या व्यावसायिक जगहों से कूड़ा उठवाने के लिए यूजर चार्ज देना होगा।

Delhi MCD: दिल्ली नगर निगम की तरफ से कूड़ा उठाने वाली गाड़ी अब मुफ्त में कूड़ा नहीं उठाएगी। एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि घर से कूड़ा उठाने के लिए 50 रुपए से 200 रुपए प्रति माह और व्यावसायिक संपत्तियों से कूड़ा उठाने के लिए 500 रुपए से 5000 रुपए प्रति माह तक देने पड़ेंगे। दिल्ली नगर निगम ने ठोस कचरा प्रबंधन-2018 उपनियम के तहत इस यूजर चार्ज को लागू किया है।

बता दें कि अब नगर निगम संपत्ति कर के साथ ही यूजर चार्ज भी लेगा, जो सालाना होता है। इस तरह से लोगों को अब 600 रुपए से 6000 रुपए तक सालाना यूजर चार्ज देना पड़ सकता है। नगर निगम के इस कदम से सालाना लगभग 150 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।

किन लोगों पर पड़ेगा असर

एमसीडी के इस नियम से दिल्ली के उन संपत्ति मालिकों पर असर पड़ेगा, जो पहले से संपत्ति कर चुका रहे थे, क्योंकि नगर निगम यूजर चार्ज संपत्ति कर के साथ लेना शुरू कर रहा है। साफ शब्दों में कहा जाए, तो जब दिल्ली के संपत्ति मालिक संपत्ति कर चुकाएंगे, तो उन्हें इसके साथ ही कूड़ा उठाने का चार्ज भी देना होगा। इसके कारण अब रिहायशी संपत्ति मालिकों को संपत्तिकर में 600 रुपए से 2400 रुपए तक अधिक चुकाने होंगे। वहीं व्यावसायिक संपत्ति के लिए 6000 रुपए से 60 हजार रुपए सालाना तक ज्यादा देने पड़ेंगे।

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रिहायशी संपत्ति पर कितना लगेगा यूजर चार्ज

  • रिहायशी संपत्ति के लिए 50 वर्ग मीटर तक के मकान के लिए 50 रुपए प्रति माह चार्ज लगेगा, जो सालाना 600 रुपए होगा।
  • 50 वर्ग मीटर से 200 वर्ग मीटर तक की रिहायशी संपत्ति के लिए 100 रुपए, यानी साल का 1200 रुपए देना होगा।
  • 200 वर्ग मीटर से ज्यादा रिहायशी संपत्ति के लिए 200 रुपए प्रति माह यूजर चार्ज देना होगा, जो सालाना 2400 हजार रुपए होता है।
  • वहीं, स्ट्रीट वेंडर्स को भी प्रति माह 100 रुपए देने होंगे, जो साल के 1200 रुपए बनते हैं।

व्यापारिक संपत्तियों पर कितना लगेगा यूजर चार्ज

  • दुकानें और खाने-पीने के स्थानों पर महीने का 500 रुपये यूजर चार्ज लगेगा, जो साल का 6000 रुपए होता है।
  • गेस्ट हाउस और धर्मशाला मालिकों को 2,000 रुपये प्रति माह यूजर चार्ज देना होगा, जो साल का 24000 रुपए है।
  • बैंक और कोचिंग संस्थाओं को भी प्रति माह 2000 रुपए देने होंगे, जो सालाना 24000 पड़ेगा।
  • हॉस्टल मालिकों को 2000 रुपए प्रति माह देने होंगे, यानी सालाना 24000 रुपए।
  • 50 सीट वाले रेस्तरां और होटल मालिकों को भी महीने का 2000 और सालाना 24000 रुपए यूजर चार्ज देना होगा।
  • इसी के साथ 50 बेड तक के क्लीनिक या लैब मालिकोंको भी महीने का 2000 और सालाना 24000 रुपए देने होंगे।
  • 50 से अधिक सीट वाले रेस्तरां और 3 स्टार होटल मालिकों को महीने के 3000 रुपए देने होंगे, यानी सालाना 36000 रुपए।
  • केमिकल वेस्ट आदि के लिए लघु व कुटीर उद्योग मालिकों को भी महीने में 3000 रुपए के अनुसार सालाना 36000 रुपए देने होंगे।
  • मेडिकल वेस्ट (50 से अधिक बेड वाले क्लीनिक) 4000 रुपए प्रति माह देने होंगे। सालाना 48000 रुपए सालाना देने होंगे।
  • इसी तरह 3 स्टार से अधिक स्टार वाले होटल मालिक प्रति माह 5,000 रुपये देंगे, जो सालाना 60 हजार रुपए हैं।

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