Fake Medicine Row: अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को उस समय बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब राज्य के सरकारी अस्पतालों में इस्तेमाल की जा रही एक और दवा सवालों के घेरे में आ गई। मिर्गी के इलाज की दवा भी लैब परीक्षण में खरी नहीं उतर पाई। इसके अलावा, स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक्स और यहां तक कि एंटासिड भी शामिल हैं। 

सोडियम वैल्प्रोएट भी नकली पाई गई

मिर्गी के इलाज के लिए सोडियम वैल्प्रोएट दवा के नमूने गुणवत्ता परीक्षण के दौरान नकली पाए गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिर्गी रोधी दवा के नमूने चंडीगढ़ में क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में परीक्षण में फेल रहे। सरकारी लैब में भेजे गए 43 नमूनों में से तीन नमूने टेस्ट में फेल रहे और 12 की रिपोर्ट आना बाकी थीं। इसके अलावा, प्राइवेट लैब को भेजे गए अन्य 43 नमूनों में से, पांच नमूने फेल रहे।

उन दवाओं की लिस्ट जो टेस्ट में फेल रहीं

आबादी के एक बड़े वर्ग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एंटासिड और एंटी-हाइपरटेन्सिव दवाओं से लेकर उन दवाओं तक जिनका बड़े पैमाने पर कोविड-19 के लिए उपयोग किया जाता है। इनके अलावा कई जरूरी दवाएं भी टेस्ट में खरी नहीं उतर सकी हैं। सेफैलेक्सिन, डेक्सामेथासोन, एम्लोडिपाइन, लेवेतिरासेटम, पैन्टोप्राजोल शामिल हैं। 

बीजेपी ने किया प्रदर्शन

नकली दवाओं के मामले में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को मामले की जानकारी है। लेकिन, इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। बीजेपी के कार्यकर्ता बुधवार की दोपहर आम आदमी पार्टी के कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने केजरीवाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के इस्तीफे की मांग भी की। दिल्ली पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया था। हालांकि, कुछ समय बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया।