Delhi Bus Marshal News: दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बस मार्शल के मसले पर बीजेपी और एलजी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 10,000 से ज्यादा बस मार्शलों को बीजेपी के दबाव में एलजी ने उनकी नौकरी से हटाया। भारद्वाज का कहना है कि यह स्पष्ट हो गया है कि यह फैसला दिल्ली सरकार का नहीं, बल्कि बीजेपी के कहने पर लिया गया।
एलजी पर लगाए गंभीर आरोप
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब विजेंद्र गुप्ता सीएम आतिशी से मिलने आए थे, तब उन्होंने भी बस मार्शलों को वापस बहाल करने की बात कही थी। हमने कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करके एलजी को भेजा, लेकिन एलजी साहब ने अब तक इसे मंजूरी नहीं दी। एलजी ने खुद एक नोट जारी कर कहा है कि बस मार्शलों को बहाल करने का अधिकार उनके पास है, सरकार के पास नहीं।
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'बीजेपी-एलजी का आपसी षड्यंत्र'
मंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी और एलजी मिलकर बस मार्शलों के साथ षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एलजी साहब ने बस मार्शलों को हटाने के बाद कहा था कि इन्हें होमगार्ड के तौर पर लिया जाएगा। लेकिन इस भर्ती के मानकों के आधार पर पुराने मार्शल चयन के योग्य नहीं माने जाएंगे और उनकी जगह नए लोगों को लाया जाएगा। यह गुमराह करने की साजिश है।
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बस मार्शल और गेस्ट टीचर्स की तुलना
सौरभ भारद्वाज ने बस मार्शलों की स्थिति की तुलना गेस्ट टीचर्स के साथ हुई घटनाओं से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह गेस्ट टीचर्स के नियमित होने के नाम पर उन्हें हटा दिया गया और नए लोगों को नौकरी दी गई, उसी तरह का खेल अब बस मार्शलों के साथ भी किया जा रहा है। यह बीजेपी की बड़ी धोखाधड़ी है। इसी के साथ ही भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी-एलजी की यह चाल दिल्ली सरकार के काम में अड़चन डालने की कोशिश है। उन्होंने मांग की है कि बस मार्शलों को तुरंत बहाल किया जाए और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ बंद हो। इस मुद्दे पर सियासी तकरार बढ़ती जा रही है, और दिल्ली सरकार व एलजी के बीच की खींचतान का असर बस मार्शलों पर साफ दिखाई दे रहा है।