MCD News: दिल्ली की सड़कों पर जगह-जगह कूड़ा देखने को मिलता है, जिसको लेकर आए दिन लोग दिल्ली नगर निगम को कोसते रहते हैं। इस बीच राजधानी के लोगों की इस समस्या को दिल्ली नगर निगम की महापौर शैली ओबेरॉय ने बड़ी गंभीरता से लिया है। उन्होंने दावा किया है कि 20 फरवरी तक दिल्ली पूरी तरह से कूड़ा मुक्त हो जाएगी। हालांकि सोशल मीडिया पर लोग इस दावे को लेकर तंज कस रहे हैं।
दिल्ली नगर निगम की महापौर शैली ओबेरॉय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया है कि दिल्ली को अवैध कूड़े से निजात दिलाने की दिशा में नई पहल शुरू कर दी गई है। इसके लिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि वे रोजाना करीब 15 किमी क्षेत्र का निरीक्षण करके कूड़ा उठान कार्य की समीक्षा करेंगी। दिल्ली के सभी जोन का तीन-तीन दिन तक निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम 20 फरवरी तक दिल्ली को अवैध कूड़े से निजात दिला देंगे।
सोशल मीडिया पर लोगों ने दिखाया दावे का सच
महापौर शैली ओबेरॉय के इस दावे के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने निशाना साधना शुरू कर दिया। कई लोग अपने-अपने इलाकों की तस्वीर शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने किराड़ी विधानसभा की कई वीडियो शेयर की हैं। यूजर ने लिखा कि ये देखिये आपके GVP पॉइंट्स जो आज तक ऐसे ही हैं। एक अन्य यूजर ने जवाहर नगर इंडस्ट्रीज एरिया से वीडियो शेयर की है। वहीं, एक यूजर ने लिखा कि बुराड़ी हरित विहार भी आकर देख लो जी कभी। इसके अलावा आदर्श नगर विधानसभा के धीरपुर गांव में भी ऐसे ही सड़कों पर कूड़ा देखने को मिलता है।
नेता विपक्ष ने बताया हवा हवाई दावा
दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने महापौर के सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब दावे केवल हवा हवाई हैं। महापौर शैली ओबेराय ऐसे दावे निगम में आप पार्टी के शासन की नाकामियों को छुपाने के लिए कर रही है। उन्होंने आरोप लगाए कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं कर पा रही है, इसलिए ऐसे दावे व अभियान शुरू किए गए। इसका उदाहरण इसी से लिया जा सकता है कि आप पार्टी ने 1 जनवरी, 2024 तक दिल्ली से कूड़े के पहाड़ खत्म करने के बढ़ चढ़कर वादे किए थे, लेकिन नतीजा सबके सामने है कि कूड़े के पहाड़ जस के तस खड़े है।
कूड़े के पहाड़ों खत्म करने का किया था दावा
दिल्ली में स्थित तीन कूड़े के पहाड़ों को दो साल में हटाने का वादा किया गया था। ओखला लैंडफिल को दिसंबर, 2023 तक, जबकि भलस्वा लैंडफिल को मार्च, 2024 तक और गाजीपुर लैंडफिल को दिसंबर 2024 तक हटाने के लिए कहा गया था। कचरे के पहाड़ों को हटाने के लिए एमसीडी को तकरीबन 850 करोड़ रुपये का लोन देने की बात कही गई थी।
तीनों लैंडफिल साइटों पर जमा कचरे के निस्तारण के लिए 44 ट्रॉमल मशीन लगाई गई हैं। इनकी कुल क्षमता लगभग 20,000 से 22000 मीट्रिक टन कचरा हर दिन निस्तारण करना है। दिल्ली नगर निगम ने दिसंबर तक करीब 77 लाख मीट्रिक टन कचरे को कम कर दिया है। ओखला लैंडफिल साइट पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 17 मीटर तक कम कर दी गई है, भलस्वा लैंडफिल साइट पर 11 मीटर ऊंचे एक ढेर को पूरी तरह निस्तारित कर दिया गया है तथा 12 मीटर ऊंचे दूसरे ढेर को निस्तारित करने का काम चल रहा है। साथ ही, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कुछ जगहों पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 12 से 18 मीटर तक कम कर दी गई है।
दिल्ली में कितने टन कूड़ा
बता दें कि दिल्ली में रोजाना 11000 मीट्रिक टन कचरा होता है। दिल्ली नगर निगम के पास इसमें से 8213 मीट्रिक टन कचरे को खत्म करने की क्षमता है। यह रोजाना पैदा होने वाले कचरे का 75 फीसदी है। एमसीडी 557 टन कचरा प्रतिदिन कम्पोस्टिंग संयंत्रों, 256 टन प्रतिदिन एमआरएफ एवं 7400 टन प्रतिदिन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की मदद से खत्म करता है। यह ओखला, बवाना एवं गाजीपुर में स्थित हैं। 1700 टन प्रतिदिन कचरा ओखला लैंडफिल साइट, 2200 टन कचरा प्रतिदिन भलस्वा एवं 1700 टन कचरा प्रतिदिन गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचता है।