New Delhi: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के अध्यक्ष अमित यादव (Amit Yadav) ने बुधवार को अगले वित्त वर्ष के लिए बजट किया। जिसमें उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि परिषद अपने क्षेत्र में मौजूद सभी संपत्तियों की जियो टैगिंग (Geo tagging) करेगा। ताकि, डिजिटल माध्यम से प्रॉपर्टी की निगरानी की जा सके। आइए जानते हैं कि प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग क्या होती है।
दरअसल, एनडीएमसी अध्यक्ष अमित यादव जिसमें नागरिक निकाय के कर आधार को बढ़ाने के लिए प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के दौरान एनडीएमसी अपनी सभी संपत्तियों को जियो टैगिंग के दायरे में लाएगा। इसके माध्यम से करदाताओं की संपत्तियों को मोबाइल ऐप या एनडीएमसी की वेबसाइट पर अपलोड करने की सुविधा दी जाएगी। इसके जरिए संपत्ति की वास्तविक स्थिति और उससे जुड़ी पूरी जानकारी तत्काल मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि जियो टैगिंग में आसान पहचान और ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप या एनडीएमसी वेबसाइट के माध्यम से करदाताओं की संपत्तियों की तस्वीरें अपलोड करना अनिवार्य होगा।
क्या होती है प्रॉपर्टी की जियो-टैगिंग
दरअसल, प्रॉपर्टी की जियो-टैगिंग का मतलब होता है कि किसी संपत्ति की भौगोलिक स्थिति, फोटो, मैप और वीडियो के जरिए उसके बारे में सटीक जानकारी देना है।
NDMC के चेयरमैन ने ये बड़ी घोषणनाएं भी की
- चेयरमैन ने कहा कि NDMC कर्मचारियों के लिए ई-बाइक पेश करने की योजना बना रहा है।
- NDMC चेयरमैन ने कहा कि परिषद वायु प्रदूषण की जांच के लिए आठ एंटी-स्मॉग गन मंगाई जाएगी।
-उन्होंने कहा कि एनडीएमसी ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से शहरी विकास निधि (UDF) योजना के तहत ₹556 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए कहा है।
- उन्होंने कहा कि एनडीएमसी अगले पांच सालों के अंदर सीवरेज प्रणाली को बढ़ाने में सक्षम हो जाएगी।
-एनडीएमसी अध्यक्ष ने आगे कहा कि शिक्षा पर 285.21 रुपए करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसके तहत स्कूलों में बुनियादी ढांचे के विकास पर 16.57 करोड़ रुपये शामिल हैं।
-उन्होंने कहा कि एनडीएमसी अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर 125.72 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
-एनडीएमसी अध्यक्ष अमित यादव ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स का संज्ञान लेते हुए पुराने और गलत साइनेज या बोर्डों को अपग्रेड किया जाएगा और उन्हें बदला जाएगा।