Delhi Women Safety Report: दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तभी तो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। असल में महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर पिछले चार महीनों में 2.41 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। ये शिकायतें छेड़छाड़, साइबर धोखाधड़ी, मेट्रो में सीट विवाद और ऑटो चालकों के साथ झगड़े जैसे मामलों से जुड़ी हैं।  

महिलाओं की सुरक्षा पर बढ़ती शिकायतें

दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई से नवंबर 2024 तक हेल्पलाइन पर 90,414 शिकायतें धोखाधड़ी से संबंधित थीं। इनमें 29,277 सामान्य पूछताछ, 2,096 उपद्रव कॉल, और 260 अपमानजनक कॉल के तौर पर दर्ज की गईं।  

मेट्रो सीट और पब्लिक प्लेस पर विवाद

मीडिया से बात करते हुए, एक अधिकारी ने बताया कि हेल्पलाइन पर अक्सर मेट्रो में आरक्षित सीटों पर पुरुषों के बैठने को लेकर शिकायतें आती हैं। इसके अलावा, ऑटो चालकों द्वारा वर्बल एब्यूज और पब्लिक प्लेसे पर की गई भद्दी कमेंट की शिकायतें मिलीं।  

साइबर धोखाधड़ी और वैवाहिक स्कैम

साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई। एक मामला खास तौर पर ध्यान खींचने वाला था, जहां एक महिला को वैवाहिक साइट के जरिए धोखा दिया गया। आरोपी ने महिला का विश्वास जीतकर उसके पैसे ले लिए और गायब हो गया। जांचकर्ताओं के मुताबिक, अपराधी ने सबूत मिटा दिए थे, जिससे मामला और जटिल हो गया।  

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सुरक्षा जागरूकता में मापी गई वृद्धि

रिपोर्ट के हवाले से अधिकारियों का कहना है कि हेल्पलाइन पर कॉलों में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि महिलाओं में सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। हेल्पलाइन ने अब तक 8,560 शिकायतों को औपचारिक तौर पर दर्ज किया है, जिनमें से 146 मामलों का समाधान हो चुका है। बाकी की पेंडिंग शिकायतें अब भी विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े करती हैं। 

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महिलाओं की सुरक्षा के लिए सतर्कता जरूरी

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित माहौल देना प्राथमिकता है। हेल्पलाइन पर मिली शिकायतें यह दर्शाती हैं कि महिलाएं अब अपनी आवाज उठाने में हिचकिचा नहीं रही हैं। सरकार और संबंधित एजेंसियां इन शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई कर रही हैं, ताकि महिलाओं की सुरक्षा का अधिक ख्याल रखा जा सके। हालांकि, यह आंकड़े दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं तो बढ़ाते हैं, लेकिन साथ ही यह भी दिखाते हैं कि हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाएं अपनी समस्याओं को साझा करने के लिए अधिक जागरूक और सक्रिय हो रही हैं।