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27 जुलाई 2024 में दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में आईएएस कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी में जलभराव की वजह से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। अब इस मामले की जांच में दो अधिकारियों को दोषी पाया गया है, जिन्हें एलजी ने सस्पेंड कर दिया है।

दिल्ली कोचिंग हादसा: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना बड़ा एक्शन लिया है। एलजी ने दिल्ली सरकार के फायर डिपार्टमेंट के दो ग्रुप 'ए' अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड करने की मंजूरी दे दी है। जिसमें विभागीय अधिकारी वेद पाल और सहायक विभागीय अधिकारी उदय वीर सिंह को सस्पेंड किया गया है।

बेसमेंट लाइब्रेरी की जानकारी छिपाने का आरोप

दरअसल, 27 जुलाई 2024 को भारी बारिश की वजह से कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के अंदर कुछ ही मिनटों में पानी भर गया था। पानी भरने से बेसमेंट की लाइब्रेरी में तीन छात्र फंसे रह गए थे, जिनकी बेसमेंट में ही मौत हो गई थी। जिला मजिस्ट्रेट (सेंट्रल) द्वारा की गई गहन जांच में सामने आया कि इन दोनों निलंबित अधिकारियों ने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी करने से पहले उस स्पॉट की जांच की थी। लेकिन, उन्होंने यह जानकारी छिपाई कि बेसमेंट के अंदर गलत तरीके से लाइब्रेर चलाई जा रही है। 

गलत तरीके से जारी किया गया सर्टिफिकेट

फायर सेफ्टी के अधिकारियों ने जांच के बाद दिल्ली नगर निगम को यह जानकारी नहीं भेजी। इसकी वजह से 9 जुलाई को गलत तरीके से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया था। जांच के बाद एमसीडी के अधिकारियों के ऊपर भी सवाल खड़े हुए हैं, जिन्होंने अवैध रूप से चल रही बेसमेंट लाइब्रेरी का निरीक्षण करके उसे सील नहीं किया और सितंबर 2021 में कंप्लीशन-कम-ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया।

एमसीडी और पीडब्ल्यूडी भी निशाने पर

इस मामले में एलजी के निर्देश पर एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली सरकार के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। कोचिंग सेंटर के क्षेत्र में खराब जल निकासी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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