Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। यह सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य को ही खतरे में डाल रहा है, बल्कि पूरे शहर के लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-4 को लागू कर दिया है। इस चरण के तहत, अब कई गाड़ियों के आवागमन पर सख्त पाबंदियां लगाई जाएंगी। फिर भी प्रदूषण का स्तर इतना खराब हो गया है कि अब केवल प्राथमिक स्कूल ही नहीं, बल्कि उच्च शिक्षण संस्थान जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू को भी ऑनलाइन कक्षाओं का सहारा लेना पड़ रहा है।
यह स्थिति दर्शाती है कि प्रदूषण का असर सीधे तौर पर हर वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है और सभी को इसके साइड इफेक्ट भुगतने पड़ रहे हैं। हालांकि, ऑनलाइन क्लासेस का फैसला लेना आसान नहीं होता है, क्योंकि इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। लेकिन, छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए यह एक जरूरी कदम है। इसी कड़ी में डीयू और जेएनयू ने क्लासेस को ऑनलाइन मोड में शिफ्ट करने का फैसला लिया है।
DU में 23 नवंबर तक ऑनलाइन क्लासेस
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए 23 नवंबर तक सभी क्लासेस ऑनलाइन मोड में संचालित करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही कुलसचिव डॉक्टर विकास गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सर्दियों की छुट्टी की खबरें फर्जी हैं। 25 नवंबर से क्लासेस ऑफलाइन मोड में आयोजित होंगी।
JNU में 22 नवंबर तक ऑनलाइन पढ़ाई
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी वायु प्रदूषण के चलते 22 नवंबर तक क्लासेस ऑनलाइन मोड में कराने का निर्णय लिया है। छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
स्कूलों पर भी प्रदूषण का असर
दिल्ली-एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी गंभीर वायु प्रदूषण के कारण 12वीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। क्लासेस ऑनलाइन जारी रहेंगी। वहीं डीयू ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस दौरान पहले से फिक्स किए गए साक्षात्कार और अन्य प्रशासनिक काम तय समय पर ही होंगे।
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