दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले पर आज सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत एक मार्च तक के लिए बढ़ा दी है। हालांकि कोर्ट ने आरोपियों की ओर से दिए गए अन्य आवेदनों पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तिथि तय की है। साथ ही, दिल्ली पुलिस से भी आरोपियों की ओर से लगाए गए आरोपों पर भी जवाब मांगा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर की कोर्ट में आज सभी छह आरोपियों को पेश किया गया। कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद आरोपियों की न्यायिक हिरासत 1 मार्च 2024 के लिए बढ़ा दी। आरोपियों ने कोर्ट के समक्ष अर्जी भी दाखिल कर रखी हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने जबरन कोरे कागज पर उनके हस्ताक्षर कराए थे। कोर्ट ने इन आवेदनों पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तिथि तय करते हुए दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
नीलम आजाद ने लगाए थे आरोप
संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले की आरोपी नीलम आजाद ने पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया था कि एक महिला अधिकारी ने उनसे जबरन 52 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए थे। नीलम आजाद के वकील सुरेश चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इससे पहले भी कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए थे। इस पर कोर्ट ने वकील से इससे संबंधित आवेदन करने को कहा था। बता दें कि मामले में छह आरोपियों में पांच आरोपियों ने पहले ही पॉलीग्राफ टेस्ट की सहमति दे दी थी, जबकि नीलम आजाद ने अभी तक पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिए सहमति नहीं दी है।
13 दिसंबर को हुई थी संसद की सुरक्षा में चूक
संसद की सुरक्षा में चूक की घटना 13 दिसंबर 2023 को हुई थी। दो व्यक्ति संसद के भीतर प्रवेश कर गए थे। इनमें से एक ने दर्शक दीर्घा से नीचे छलांग लगा दी और टेबल फांदते हुए अध्यक्ष सीट की ओर पहुंचने की कोशिश की। यही नहीं, जब सांसदों ने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो उसने कलर स्मॉग का स्रे कर दिया। सांसदों ने दोनों आरोपियों को तुरंत पकड़कर मार्शल के सुपुर्द कर दिया। वहीं, संसद के बाहर नारेबाजी कर रहे आरोपियों के साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।