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मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हो गए हैं, जिसके बाद से चर्चा शुरू हो चुकी है कि अरविंद केजरीवाल के बाद वो दिल्ली सरकार की नुमाइंदगी करेंगे। लेकिन, इसमें एक पेंच है...

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ आप नेता संजय सिंह, सौरभ भारद्वाज और आतिशी मौजूद रहीं। इससे पूर्व मनीष सिसोदिया ने हनुमान मंदिर जाकर प्रार्थना की, बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करने वाले हैं। 17 महीने बाद तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद से ये भी चर्चा चल रही है कि अरविंद केजरीवाल के बाद दिल्ली की सत्ता का किंग कौन होगा। आज इस खबर से समझने का प्रयास करते हैं कि आप सुप्रीमो की गैरमौजूदगी में दिल्ली सरकार को कौन लीड करेगा।

आतिशी चला रही दिल्ली सरकार?

दिल्ली शराब घोटाले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 23 फरवरी 2023 को अरेस्ट कर लिया था। इसके पांच दिन बाद मनीष सिसोदिया ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सीएम केजरीवाल ने आतिशी पर भरोसा जताया। उन्होंने आतिशी को मंत्री बनाकर शिक्षा और वित्त विभाग समेत ज्यादातर महत्वपूर्ण विभाग आतिशी को सौंप दिए। हालांकि आतिशी को डिप्टी सीएम जैसा पद तो नहीं दिया, लेकिन अलिखित रूप से उसे दिल्ली सरकार में दूसरे नंबर की बड़ी नेता बताया गया। पहले नंबर पर स्वयं अरविंद केजरीवाल हैं, जो कि जेल में रहकर भी सरकार चला रहे हैं।

इसके अलावा पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने की जिम्मेदारी आतिशी को सौंपकर एलजी विनय सक्सेना को चिट्ठी लिखी थी, उससे भी तय हो गया था कि आतिशी ही सबसे ज्यादा भरोसेमंद है। लेकिन, अब विश्वासपात्रों की सूची में पहले से नंवर वन पॉजिशन पर रहे मनीष सिसोदिया जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब तिरंगा आतिशी फहराएंगी या फिर मनीष सिसोदिया। इसके अलावा दूसरा बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी में दिल्ली सरकार को कौन लीड करेगा।

औपचारिक अनुमति के लिए करना होगा लंबा इंतजार

मनीष सिसोदिया ने गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ही अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में अब दोबारा से मंत्री पद की शपथ लेनी होगी, जिसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, मनीष सिसोदिया को मंत्री बनाने का अधिकार स्वयं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास है, लेकिन एलजी को उनके नाम की सिफारिश करनी होगी। चूंकि अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, लिहाजा एलजी इसका हवाला देकर इस पर कानूनी राय ले सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो मनीष सिसोदिया को दोबारा से मंत्री पद हासिल करने के लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है।

पूरे मामले से जल्द उठेगा पर्दा

जानकार कहते हैं कि सीएम अरविंद केजरीवाल जल्द ही इस पर से पर्दा उठा सकते हैं कि अब दिल्ली सरकार से जुड़े अहम फैसले कौन लेगा। कारण यह है कि जब अरविंद केजरीवाल विपश्यना ध्यान के लिए जाते थे और किसी कारण से दिल्ली से दूर रहते थे, तब मनीष सिसोदिया ही दिल्ली सरकार का कामकाज संभालते थे। मनीष सिसोदिया अभी तक केजरीवाल के गहरे विश्वासपात्र हैं। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल जल्द ही एलजी को चिट्ठी लिखकर मनीष सिसोदिया को दोबारा से डिप्टी सीएम बनाने की सिफारिश कर सकते हैं। एलजी भले ही इसमें कानूनी राय लेकर देरी कर दें, लेकिन डिप्टी सीएम बनाने का अधिकार स्वयं मुख्यमंत्री के पास ही होता है।

स्वाति मालीवाल ने पहले दिया था यह संकेत

आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कल मीडिया को दिए बयान में कहा था कि मनीष सिसोदिया अब जेल से बाहर आ गए हैं, अब उन्हें आगे आकर दिल्ली सरकार का नेतृत्व करना चाहिए और अच्छे काम करने चाहिए। उधर, आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भी मीडिया को दिए बयान में कहा था कि मनीष सिसोदिया के बाहर आने से आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार, दोनों को मजबूती मिलेगी।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगर उनके मंत्री पद संभालने को लेकर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है, तो जल्द ही वे डिप्टी सीएम पद की शपथ लेते दिखाई देंगे। बहरहाल, यह भी तय है कि अगर डिप्टी सीएम पद मिलने में देरी हुई, तो भी अप्रत्यक्ष तरीके से मनीष सिसोदिया का दबदबा रहेगा।

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