Red Fort History: लाल किले को विश्व धरोहर बनने के लिए करना पड़ा 24 साल का इंतजार; इन ऐतिहासिक इमारतों ने मारी थी बाजी

Red Fort History: दिल्ली में गणतंत्र दिवस की धूमधाम से तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों को सजाया जा रहा है। दिल्ली का लाल किला भी इन ऐतिहासिक स्थलों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है। दिल्ली आने के बाद विदेशी पर्यटक भी सबसे पहले लाल किले का ही दीदार करना पसंद करते हैं। आपने आजादी से पहले की लाल किले से जुड़ी कई कहानियां सुनी होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजादी के बाद भी लाल किले को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल होने के लिए 24 साल का इंतजार करना पड़ा था। तो चलिये इस गणतंत्र दिवस पर इसकी पूरी कहानी बताते हैं...
लाल किला को विश्व धरोहर में कब शामिल किया गया
दिल्ली का लाल किला स्वतंत्रता संग्राम का साक्षी रहा। यहां करीब 200 सालों तक मुगल शासकों का शासन रहा। इसके बाद अंग्रेजों का अत्याचार भी सहना पड़ा। वक्त के थपेड़ों के बावजूद यह लाल किला आज भी भारत की आन बान शान का प्रतीक बना अड़िग खड़ा है। इन सबके बावजूद लाल किले को विश्व धरोहर में शामिल होने के लिए 24 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था। दरअसल, लाल किले को 2007 में यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर में शामिल किया गया था।
यह संगठन सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या वैज्ञानिक रूप से महत्व रखने वाले स्थलों को यूनेस्को द्वारा अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। इस संगठन ने सबसे पहले 1983 में भारत के चार ऐतिहासिक स्थलों को विश्व धरोहर में शामिल किया था। महाराष्ट्र से अंजता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, यूपी से आगरा किला और ताज महल को इस सूची में जगह मिली थी। दिल्ली की बात करें तो दस साल बाद इस सूची में स्थान मिला, लेकिन लाल किले की बजाए इन दो इमारतों का चयन हुआ।
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कुतुब मीनार से लाल किले से बाजी मारी

यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में दिल्ली का नंबर 1993 में आया। हुमायूं का मकबरा और कुतुब मीनार को 1993 में इस सूची में स्थान मिल गया। इसके बाद 1994 से 2006 के बीच भारत के 5 ऐतिहासिक स्थल विश्व धरोहर में शामिल हो गए, लेकिन लाल किले का नंबर साल 2007 में आया। मतलब अजंता एलोरा की गुफाओं के विश्व धरोहर में शामिल होने के 24 साल बाद लाल किले का चयन विश्व धरोहर के लिए हुआ। इससे पहले भारत के पर्वतीय रेलमार्ग, बिहार बोधगया का महाबोधी मंदिर, मध्य प्रदेश का भीमबेटका के शैलाश्रय, महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी टर्मिनेस और गुजरात का चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व पार्क ने इस सूची में जगह बना ली थी।

आज यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की भारतीय इमारतों की सूची में लाल किला 27वें स्थान पर है, बावजूद इसके आज भी ऐतिहासिक इमारतों की बात की जाए तो लोगों की जुबां पर लाल किला का नाम आना लाजमी है। चलते-चलते बता दें कि भारत में अभी तक कुल 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। अगर गणतंत्र दिवस पर घूमने का प्लान है, तो भारत की इन ऐतिहासिक धरोहरों का भी आनंद ले सकते हैं।
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