Delhi Zoo: चिड़ियाघर में आज से खुला रेप्टाइल हाउस, टूरिस्ट देख सकेंगे कोबरा-अजगर समेत ये जानवर
Delhi Zoo: गर्मियों का मौसम शुरू होने के साथ ही दिल्ली के चिड़ियाघर में पर रेप्टाइल हाउस को 1 अप्रैल से खोल दिया गया है। अब दर्शक चिड़ियाघर में सांपों की अलग-अलग प्रजातियां देख पाएंगे।;

Reptile House Opens In Delhi Zoo: दिल्ली में चिड़ियाघर घूमने के लिए जाने वालों के लिए अच्छी खबर है। चिड़ियाघर के रेप्टाइल हाउस को अब टूरिस्टों के लिए खोल दिया गया है। यानी कि अब चिड़ियाघर में लोग अजगर, कोबरा जैसे सांप और जानवर 6 महीने की सर्दी की नींद से जाग गए हैं।
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर के महीने से इसे बंद रखा गया है। जानकारी के मुताबिक, इन रेप्टाइल हाउस में बंद पाइथन, कोबरा और चेकर्ड किलवेक आदि प्रजाति के सांपों ने लंबे समय से कुछ भी खाया नहीं है। जिसके चलते उनके खाने-पीने का भी विशेष इंतजाम किया जाएगा।
रेप्टाइल हाउस में दिखेंगे ये जानवर
चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने बताया कि रेप्टाइल हाउस को सर्दियों में दर्शकों के लिए बंद किया गया था। अधिकारी ने बताया कि रेप्टाइल हाउस के 14 कमरों में कई प्रजाति के सांप हैं। इन्हें देखने के लिए कमरों में शीशे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसमें कुल 25 सांप है। इनमें 10 अजगर, 1 कोबरा, 1 वाटर स्नेक, रेड सैंड बोआ और कॉमन सैंड बोआ शामिल हैं।
इन सांपों को अलग-अलग कमरों में रखा गया है। साथ ही 2 कमरों में छिपकली प्रजाति की गोह (मॉनिटर लिजर्ड) भी हैं। इसके अलावा चिड़ियाघर घूमने के लिए आने वाले दर्शक रेप्टाइल हाउस में अलग-अलग प्रजाति के कछुओं को भी देख पाएंगे।
खानपान में किया जाएगा बदलाव
चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने बताया कि सांपों के संरक्षण के लिए बड़ी मात्रा में उनके बड़े कमरों में पुआल बिछा दिया गया था। ऐसे में अप्रैल का महीना शुरू होने के बाद अब गर्मी बढ़ गई है, जिससे सांपों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। उन्होंने बताया कि ये सांप रोजाना भोजन करने की बजाय हफ्ते या 10 दिन में एक बार खाना खाते हैं। अधिकारी ने बताया कि चिड़ियाघर में सांपों को खिलाने के लिए जिंदा चूजे और खरगोश की व्यवस्था की गई है।
वहीं, बंदर, भालू जैसे दूसरे वन्यजीवों को अभी तक सर्दियों के मौसम में ब्रेड, गाजर, चुकंदर, चीकू दिया जा रहा था, लेकिन अब उन्हें तरबूज, बेल, चावल, खरबूजा, खीरा दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य मांसाहारी वन्य जीवों की खुराक में वैज्ञानिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बदलाव कर रहे हैं।
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