CM Kejriwal Bell Hearing: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने 3 जुलाई तक न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। बता दें कि आज 19 जून को खत्म हो रही थी। ऐसे में मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका बढ़ा दी। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। सीएम याचिका पर स्पेशल जज न्याय विंदु की अवकाशकालीन बेंच के सामने दलीलें रखी। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की ओर से ASG एस वी राजू और केजरीवाल की ओर से सीनियर वकील विक्रम चौधरी अदालत में पेश हुए।

केजरीवाल के वकील ने रखा पक्ष

सुनवाई शुरु होने पर केजरीवाल के वकील ने कहा कि अदालत को बताया कि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला अभी लंबित है। शीर्ष अदालत ने निचली अदालत में नियमित जमानत याचिका दाखिल करने की छूट दी थी। सीएम के वकील ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया भी। उनसे समाज को कोई खतरा नहीं है।

कथित शराब घोटाले का यह मामला 2022 से लंबित है। लेकिन सीएम केजरीवाल को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार किया गया। चौधरी ने कहा कि 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने शराब घोटाले से जुड़े मामले में केस दर्ज किया था। जांच एजेंसी ने मामले में कई चार्जशीट भी दाखिल की है, वह CBI के मामले में आरोपी नहीं है। जबकि 22 अगस्त को ईडी ने मामला दर्ज किया था।

सीएम के वकील ने आगे कहा कि पीएमएल केस में 2 नवंबर 2023 को मुझे पहली बार समन भेजा गया था।  मैंने पूछा था कि मुझे किस रूप में बुला रहे हैं। गवाह या संदिग्ध। व्यक्तिगत क्षमता में मुख्यमंत्री या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में। लेकिन इसका जवाब नहीं दिया गया। इसके डेढ़ महीने बाद दूसरा समन भेजा। मैं किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर रहा हूं लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक संवैधानिक पदाधिकारी को बुलाया जा रहा है। अगर आप मेरा सम्मान नहीं कर रहे है तो कोई बात नहीं पर कम से कम पद का तो सम्मान करना ही चाहिए।

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ईडी ने क्या दलीलें दी

वहीं, ईडी ने कहा कि एएसजी एसवी राजू ने कहा कि सीएम केजरीवाल को आरोपी के रूप में अभी नहीं बुलाया गया है। लेकिन आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। जहां तक मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का सवाल है तो अपराध को संज्ञान ले लिया गया है। एसवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहता है कि अगर अपराध का संज्ञान लिया जाता है तो इसका मतलब है कि प्रथम दृष्टया अपराध हुआ। मुद्दा केवल केजरीवाल की भूमिका है। इस मामले आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया गया है। ऐसे कई आरोपी हैं जिनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। इसका मतलब है कि अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध है।