Satyendar Jain: दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज मंगलवार को उनकी याचिका खारिज की है। सत्येंद्र जैन ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी।
आप नेता सत्येंद्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी। जैन की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सोमवार यानी 8 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके कोर्ट ने आज मंगलवार (9 जुलाई) को इस पर फैसला सुनाते हुए अंतरिम जमानत याचिका को खारिज दी।
क्या है मामला?
बता दें कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। जैन पर आरोप लगा है कि उन्होंने 2015 और 2017 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। इसके आधार पर ईडी ने भी केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। इसके अलावा, ईडी का आरोप है कि जैन के स्वामित्व वाली कंपनियों को हवाला के जरिए से शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये मिले। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था।
सीसीटीवी से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में भी बढ़ी मुश्किलें
वहीं, सत्येंद्र जैन की मुश्किलें सीसीटीवी लगाने से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में भी बढ़ सकती हैं। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच की सिफारिश को मंजूरी दे दी। यह मामला 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की 571 करोड़ रुपये की परियोजना के संबंध में 7 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
उपराज्यपाल ने एंटी करंप्शन ब्यूरो द्वारा जांच की मंजूरी के लिए पीओसी अधिनियम, 1998 की धारा 17 ए के तहत मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने के सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। एसीबी का दावा है कि पूर्व मंत्री जैन दिल्ली में 1.4 लाख सीसीटीवी लगाने में हुई देरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए कंपनी से 7 करोड़ रुपये रिश्वत लिए थे। अब आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जैन के खिलाफ मामला बीजेपी की साजिश का हिस्सा है।