संदीप दीक्षित का केजरीवाल पर वार: दिल्ली में आप जीत भी गई, तो भी नहीं बन सकते सीएम, सुप्रीम कोर्ट का दिया हवाला

Sandeep Dikshit and Arvind Kejriwal
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संदीप दीक्षित और अरविंद केजरीवाल।
Delhi Elections 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर वाद-विवाद जारी है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर आप जीत भी जाती है, तो भी केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बन सकते।

Delhi Elections 2025: दिल्ली में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और दिल्ली की गद्दी पर काबिज आम आदमी पार्टी फिर से दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई है। हर बार की तरह इस बार भी अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा जा रहा है। केजरीवाल साफ कर चुके हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के जीतने के बाद वही मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि उनके इस मनसूबे को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा है कि दिल्ली में अगर आम आदमी पार्टी जीत भी जाती है, तब भी केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बन सकते।

'मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं हैं केजरीवाल'- संदीप दीक्षित

संदीप दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के लायक ही नहीं हैं। उनकी मजबूरी है कि दिल्ली में आप के जीतने के बाद भी उन्हें किसी और को मुख्यमंत्री बनाना होगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शर्त को लेकर दावा किया कि केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बन सकते।

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सुप्रीम कोर्ट की शर्त का दिया हवाला

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केजरीवाल जेल से बाहर तो रह सकते हैं लेकिन एक मुख्यमंत्री के तौर पर किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते। इसका मतलब ये है कि वो दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं हैं। ऐसे में उनकी मजबूरी बन गई है कि वे किसी और को मुख्यमंत्री बनाएं। अगर वो मुख्यमंत्री बन भी गए, तो भी फाइलों पर साइन नहीं कर पाएंगे। अगर उन्होंने किसी फाइल पर साइन किया, तो ये जमानत की शर्तों का उल्लंघन होगा और उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को इन शर्तों पर दी थी जमानत

बता दें कि अरविंद केजरीवाल पर शराब घोटाले से जुड़े मामले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। इसको लेकर पहले ईडी और फिर सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है। वो कई महीनों तक तिहाड़ जेल में रहे और फिर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी थी कि ना तो केजरीवाल सचिवालय जा पाएंगे और ना ही मुख्यमंत्री कार्यालय। वो बतौर सीएम फाइलों पर साइन भी नहीं कर सकते हैं।

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