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Delhi Politics: आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की पोस्टिंग नहीं कराने को लेकर दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को घेरा और कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

Delhi Politics: दिल्ली में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आते जा रही है, राजनीति भी उसी गति से बढ़ती जा रही है। दिल्ली की राज्य सरकार और केंद्र के अधीन एलजी के बीच अक्सर किसी न किसी बात को लेकर भिड़ंत देखने को मिलती है। एलजी राज्य की अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हैं और राज्य सरकार के मंत्री एलजी पर आरोप लगाते हैं। इस कड़ी में आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी 27 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की पोस्टिंग नहीं करने पर घेरा है।

कोरोना काल के दौरान पहली बार उठा था मुद्दा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला कोई नया नहीं है। कोरोना काल के दौरान जब दिल्ली सरकार ने अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाने और नए अस्पताल बनाने में तेजी लाई थी, तभी स्वास्थ्य मंत्री ने मांग की थी कि हमें दिल्ली में और अधिक डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत है। तभी से लेकर अभी तक मेडिकल स्टाफ की कमी बताई जा रही है। दूसरी ओर एलजी की ओर से भी कई दफा बयान आ चुका है कि जब तब हमसे लिखित में नहीं मांगा जाएगा कि किस सेक्टर में कितने स्टाफ की जरूरत है, तब तक मैं खुद से किसी की पोस्टिंग नहीं कर सकता। अब स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने फिर से वही मुद्दा उठाया है।

भारद्वाज ने एलजी पर लगाए ये आरोप

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब आशा किरण शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत हुई, तो मैंने कहा था कि डॉक्टर्स की कमी के कारण ऐसा हुआ है, डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की पोस्टिंग की जाए। इस पर एलजी ने कहा कि दिल्ली के सीएम जेल में हैं और एनसीसीएसए विभाग के साथ बैठक नहीं हुई है, इसलिए मैं किसी की पोस्टिंग नहीं कर सकता हैं। भारद्वाज ने कहा अगर ऐसा ही है, तो आपने पीडब्ल्यू विभाग में इसी महीने 7 ग्रुप ए के अधिकारियों की पोस्टिंग कैसे की है। इसके अलावा 25 जून 2024 को भी आपने 2 ग्रुप ए के अधिकारियों की पोस्टिंग की थी।

एक डॉक्टर को 2-3 अस्पताल की जिम्मेदारी

भारद्वाज ने एलजी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जानबूझकर हॉस्पिटल में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की पोस्टिंग नहीं कर रहे हैं, ताकि केजरीवाल सरकार की बदनामी हो और इसका फायदा बीजेपी को चुनाव में मिले। दिल्ली में डॉक्टर्स की भारी कमी है। एक बड़े अस्पताल को संभालने के लिए एक MD की जरूरत पड़ती है, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण दिल्ली में एक बड़े डॉक्टर्स को 2-3 अस्पताल की जिम्मेदारी दे रखी है, ऐसे में जब उनसे काम के लिए पूछा जाता है, तो वह ये बोलकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि मेरे पास अन्य अस्पतालों की भी जिम्मेदारी है।

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