भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन 22 जुलाई 2024 यानी दो दिन बाद शुरू हो जाएगा। सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। साथ ही भक्त भोलेनाथ के मंदिर में जाकर विशेष पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि जो लोग सावन के पहले सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

दो दिन बाद सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है। ऐसे में शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी। अगर आप दिल्ली में रहते हैं और भगवान शिव की पूजा करने के लिए मंदिर जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर का अवश्य दर्शन करें। 800 साल पुराने इस मंदिर में मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। जानिये इसके पीछे की मान्यता... 

दिल्ली गौरी शंकर मंदिर

बेहद फेमस है दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर

दिल्ली भारत की देश की राजधानी है। यहां कई ऐसे बाजार है जो अपने आप में फेमस है। लेकिन दिल्ली के चांदनी चौक गौरी शंकर मंदिर के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दिल्ली के चांदनी चौक पर स्थित गौरी शंकर मंदिर करीब 800 साल पुराना है। यहां आज भी प्रत्येक दिन भक्तों की लंबी भीड़ लगी रहती है।

दिल्ली गौरी शंकर मंदिर

किसने कराया था गौरी शंकर मंदिर का निर्माण

दिल्ली गौरी शंकर मंदिर

चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर का इतिहास सदियों पुराना है। इस मंदिर की स्थापना एक मराठा सिपाही ने करवाया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार मराठा सिपाही पुरी तरह से जख्मी हो गया था। तब उसने भगवान शिव से मन्नत मांगी थी कि जिंदा बचने के बाद भगवान शिव का भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। भगवान शिव ने उसे पूरी तरह से ठीक कर दिया। तब मराठा सिपाही ठीक होने के बाद एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवाया।

शिवरात्रि, महाशिवरात्रि और सावन में लगती है भक्तों की भीड़

दिल्ली गौरी शंकर मंदिर

बता दें कि इस समय चांदनी चौक के शिव मंदिर को गौरी शंकर मंदिर के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गौरी शंकर मंदिर में भक्तों की भारी श्रद्धा है। इसलिए आम दिन में भी इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है। यहां आपको शिवरात्रि, महाशिवरात्रि और सावन के दिनों में दिल्ली छोड़ दूसरे राज्य के भी लोग दर्शन करने आते हैं। साथ ही भक्त मन्नत भी मांगते हैं।