Logo
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने एक बड़े देह व्यापार रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक नाबालिग समेत 23 लोगों को बरामद किया है। इनमें से एक महिला उज्बेकिस्तान की रहने वाली है। 7 गिरफ्तार और व्यापार के मुख्य सरगना अभी फरार हैं।

Delhi Crime News: देश की राजधानी दिल्ली के पहाड़गंज के 2 होटल से एक सेक्स रैकेट का खुलासा  किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फूड डिलीवरी की तर्ज पर लड़कियों की तस्करी की जाती थी। 5 से 10 मिनट के अंदर लड़कियों को दिए गए पते पर पहुंचाया जाता था। इस अवैध धंधे में शामिल होने वालों ने एक सुनियोजित सिस्टम बना रखा था। जहां लड़कियों को 10  मिनट के अंदर भेजा जाता था। साथ ही उन ग्राहकों से लड़कियों के बदले 700 से 10,000 रुपये वसूले जाते थे।

नाबालिग भी था शामिल 

निर्मला बी. वाल्टर ने फोन कॉल के जरिए पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। पुलिस को पता चला कि  कुछ होटलों के साथ मकानों में लड़कियों की देह का व्यापार किया जाता है। इस काम को करने के लिए लड़कियों को जबरन मजबूर भी किया जाता था। इस रैकेट में पड़की जाने वाली लड़कियों को नेपाल, असम और बंगाल से लाया गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि चूना मंडी स्थित होटल 'Yes Please', 'God Inn' और एक दो मंजिला इमारत में नाबालिग लड़कियों से देह व्यापार का काम कराया जा रहा है। छापेमारी में 22 लड़कियों के साथ एक नाबालिग लड़का भी शामिल था। इन 22 लड़कियों में से एक लड़की उज़्बेकिस्तानी थे। इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मुख्य सरगना फरार हैं। 

निजाम और रेहान हैं फरार 

देह व्यापार कराने वाले मुख्य सरगना अभी पुलिस की पहुंच से फरार हैं। इस गोरखधंधे के मुख्य सरगना निजाम और रेहान फरार हैं। पुलिस इस मामले में शामिल होने वाले सभी दलालों की तलाश कर रही है। जानकारी के मुताबिक, जिस मकान में लड़कियों को रखा गया था, वह इन्हीं दोनों के नाम पर लीज पर लिया गया था।

नेपाल, असम और  पश्चिम बंगाल की लड़कियां थी शामिल 

होटल 'Yes Please' से तीन लड़कियां, 'God Inn' से चार लड़कियां और चूना मंडी की एक इमारत से 16 लड़कियां बरामद हुईं हैं। इन लड़कियों को नेपाल, असम और  पश्चिम बंगाल से लाया गया था। 

'डिलीवरी इन 10 मिनट' की  तर्ज पर करते थे तस्करी 

इस रैकेट में दलालों ने लड़कियों के साथ मिलकर एक सप्लाई चेन की तरह एक दूसरे को जोड़ रखा था। डिलीवरी बॉय की मदद से लड़कियों की सप्लाई की जाती थी। डिलीवरी बॉय, स्कूटी और बाइक के साथ बाहर खड़े रहते थे। ग्राहक के ऑर्डर आने पर लड़की को 10 मिनट के अंदर दिए गए पते पर छोड़ आते और फिर वापस भी लाते थे। 

मजबूरी के कारण हुई शिकार 

NGO मनोबल’ की संस्थापक निर्मला बी. वाल्टर ने इस बारे में कहा कि लड़कियों से जबरदस्ती ये काम नहीं कराया जाता बल्कि उन्हें उनकी भावनात्मक कमजोरी और परेशानियों का सहारा लेकर इस धंधे में उतारा जाता है। इस धंधे में आने वाली बहुत सी लड़कियां मजबूरन ये व्यापार कर रही हैं। 

ये भी पढ़ें: पार्किंग में खड़ी स्कूटी पर बैठ गया बच्चा... आपस में भिड़े दो परिवार, एक की मौत कई घायल

News Hub
5379487