Avimukteshwaranand Saraswati: ज्योतिर मठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने आज 27 मार्च को दिल्ली में अपने अनुयायियों के साथ गोरक्षा के लिए संसद भवन तक मार्च निकाला। दरअसल, गौमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने की मांग को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती उत्तर प्रदेश के गोवर्धन से दिल्ली तक नंगे पांव यात्रा कर बीते दिन मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। इसके बाद उन्होंने बदरपुर में रात्रि विश्राम किया। अब आज उन्होंने संसद तक मार्च निकाला। इससे पहले अविमुक्तेश्वरा नंद जी ने कहा था कि संत चाहते हैं कि गाय को 'रामा' कहा जाए, 'रा' का अर्थ 'राष्ट्र' (राष्ट्र) और 'मा' का अर्थ 'माता' (मां) हो।
शंकराचार्य ने सभी दलों को लिखा पत्र
शंकराचार्य ने इससे पहले भी भारत के निर्वाचन आयोग में पंजीकृत दलों को पत्र लिखकर गौ माता को राष्ट्रमाता बनाने और गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके बाद वे दलों की सूची जारी करेंगे, जो दल इस मांग को मानेगा उनको भाई दल की सूची में रखेंगे और जो दल इस मांग को नहीं मानेगी उनको कसाई दल की सूची में रखेंगे और सनातनियों से कसाई दल को वोट न देने को कहा जाएगा।
'गौ माता की हत्या का दोष मतदाताओं को भी लगता है'
शंकराचार्य ने कहा कि जनता के वोटों से सरकार को चुना जाता है और उस सरकार में अगर गौ हत्या होती है तो गौ माता की हत्या का दोष मतदाताओं को भी लगता है। उन्होंने कहा कि इसलिए जनता को गौ माता की हत्या के कलंक से बचाने का दायित्व उनका है क्योंकि वे एक धर्म गुरु है। गौ माता के लिए ही वे नंगे पाव जन जागरण यात्रा करते हुए घूम रहे है। जिस राजनीतिक पार्टी की तरफ से कहा जाएगा कि वो गौ हत्या के विरुद्ध हैं, तो गौ माता की हत्या नहीं होने देंगे तो हम उस दल के प्रत्याशियों को लोकसभा में चुनने के लिए स्वयं अपील करेंगे। इसके साथ ही वे अपने अनुयायियों और हिंदूओं से अपील करेंगे की वह अपने घर पोस्टर लगाएं की वह सिर्फ भाई दल को ही वोट करेंगे।