Sunehri Masjid: सुनहरी मस्जिद को हटाने की तैयारी में NDMC, लोगों से मांगे सुझाव

सुनहरी बाग मस्जिद हटाने की तैयारी।
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सुनहरी बाग मस्जिद हटाने की तैयारी।
सुनहरी मस्जिद को हटाने के लिए एनडीएमसी ने 1 जनवरी 2023 तक लोगों से राय मांगी है।

Delhi News: दिल्ली की सुनहरी बाग मस्जिद (Sunehri Bagh Masjid) को लेकर बड़ी खबर आ रही है। कहा जा रहा है कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने सुरक्षा और यातायात के लिहाज से सुनहरी बाग मस्जिद (Sunehri Bagh Mosque) को हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जनता से भी सुझाव मांगे गए है।

दरअसल, एनडीएमसी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लोगों से सुझाव मांगा है। लोग एक जनवरी को शाम पांच बजे तक इस संबंध में Chief.architect@ndmc.gov.in पर अपने सुझाव दे सकते हैं। वहीं वास्तुकला और पर्यावरण विभाग ने रविवार को एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया है। जिसमें जनता से 1 जनवरी तक प्रस्ताव पर अपने सुझाव और आपत्तियां जमा करने को कहा है। इस इलाके को सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत फिर से विकसित किया जाता है। यातायात और सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद महत्वपूर्ण है।

सुनहरी मस्जिद के इमाम बोले एनडीएमसी से करेंगे बैठक

अब्दुल अजीज करीब दो दशकों तक सुनहरी मस्जिद के इमाम रहे हैं। उनका कहना है कि एनडीएमसी से एक बैठक करने के लिए समय लेंगे। उनका कहना है कि मस्जिद से यातायात की आवाजाही में कोई बाधा नहीं हो रही है। इसी कारण का हवाला देते हुए NDMC ने कुछ समय पहले मस्जिद के पास बने एक दरगाह को भी ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि मानदंडों के उल्लंघन में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

क्या है सुनहरी बाग मस्जिद का मामला

सुनहरी बाग रोड चौराहे पर बनी 150 साल पुरानी मस्जिद को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई चल रही थी। 18 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी है। एनडीएमसी की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि मस्जिद के आस-पास एक संयुक्त निरीक्षण किया गया है, जिसमें पाया गया कि मस्जिद को हटाने की जरूरत है। इससे यहां यातायात सुरक्षित और सुचारू रूप से चल सकेगा।

सुनहरी बाग मस्जिद को लेकर वक्फ बोर्ड ने दायर की थी याचिका

सुनहरी बाग मस्जिद को लेकर वक्फ बोर्ड ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि यह मस्जिद करीब 150 साल पुरानी है। इसमें पांचों वक्त की नमाज अता की जाती है। यहां हर शुक्रवार और ईद की नमाज अता होती है। इसलिए मस्जिद को यहां से नहीं हटाया जाना चाहिए।

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