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MCD Standing Committee Election: एमसीडी की मेयर शैली ओबेरॉय की सहमति के बिना एमसीडी के स्टैंडिंग कमेटी चुनाव कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना से जवाब मांगा है।

MCD Standing Committee Election: दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी चुनाव को लेकर खूब बवाल हुआ था। दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने एलजी द्वारा कराए गए चुनाव को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की और न्याय की गुहार लगाई। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एलजी से जवाब मांगा है और इस याचिका को 2 हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। इस मामले में सुनवाई 2 हफ्ते के बाद होगी।

क्या है पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 सितंबर को सदन में हंगामा होने के कारण चुनाव नहीं हो सका था, इसके बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने सदन की कार्यवाही 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया और कहा कि इसी दिन स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कराने का भी ऐलान कर दिया, लेकिन दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एमसीडी कमिश्नर को आदेश देते हुए तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया था। ऐसे में चुनाव 27 सितंबर को कराया गया, जिसमें ना ही तो आम आदमी पार्टी ने हिस्सा लिया और ना ही कांग्रेस पार्टी ने हिस्सा लिया और बीजेपी निर्विरोध यह चुनाव जीत गई, जिसके खिलाफ आप सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

कांग्रेस ने भी पीछे खींचा हाथ

बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने पहले ही इस चुनाव में शामिल नहीं होने का ऐलान कर दिया था। ऐसे में चुनाव में वोट सिर्फ बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षद ही करने वाले थे। लेकिन जब एलजी ने आदेश दिया कि चुनाव कल ही कराए जाए, इस पर दिल्ली की सीएम आतिशी समेत पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी भड़क गए और इस चुनाव को असंवैधानिक बताया। आप की ओर से दावा किया गया की सदन की बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ दिल्ली की मेयर के पास है, फिर एलजी चुनाव कैसे करा सकते हैं। एलजी को चुनाव कराने का संवैधानिक रूप से अधिकार ही नहीं है। अब देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में क्या फैसला सुनाता है।

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