Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के कथित शराब घोटाले के केस में आरोपी आप नेता मनीष सिसोदिया की दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने सिसोदिया को बड़ी राहत देते हुए उनकी जमानत की शर्तों में ढील दी है। कोर्ट ने उन्हें हफ्ते में दो बार सीबीआई और ईडी के जांच अधिकारियों के सामने पेश होने की शर्त हटा दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में उन्हें 17 महीने जेल में बिताने के बाद नियमित जमानत देते हुए यह शर्त लगाए थे।
मनीष सिसोदिया ने अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए जमानत की शर्तों में ढील देने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई की। इससे पहले सोमवार को न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के उल्लेख किए जाने पर सिसोदिया द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।
क्या थी सिसोदिया की जमानत की शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में मनीष सिसोदिया को जमानत दी थी। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए उनके ऊपर कुछ शर्तें लगाई थीं। जिसमें कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सिसोदिया को 10 लाख रुपए का बेल बॉन्ड और इतनी ही राशि के दो पर्सनल बॉन्ड भरने के साथ-साथ अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने करना होगा। इसके साथ ही कहा गया था कि वह सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा।
सीबीआई ने सिसोदिया को किया था गिरफ्तार
दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने और इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की संलिप्तता के आरोप में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने हिरासत में लिया था। जिसके बाद ज्यादा विवाद बढ़ने के कारण शराब नीति को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद ईडी ने भी कई आरोपों के तहत सिसोदिया को दोषी पाकर शिकंजा कसा था। हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए 28 फरवरी 2023 को दिल्ली के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
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