Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट आदमी पार्टी के पार्षद की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें पंजाब, हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, दरअसल, चंडीगढ़ में नए सिरे से मेयर चुनाव की मांग पर पंजाब, हरियाणा हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया गया था। हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए आप और मेयर के प्रत्याशी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।जानकारी के मुताबिक, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है।
बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 1 सांसद और 35 पार्षदों को मिलाकर 36 कुल वोट थे। जिसमें से 14 भाजपा पार्षद, एक भाजपा सांसद किरण खेर, 1 अकाली दल का पार्षद और बाकी 20 पार्षद आप और कांग्रेस के पार्षद थे। मेयर चुनाव में भाजपा को 16 वोट मिले थे। वहीं, आप-कांग्रेस के उम्मीदवार को 12 वोट ही मिले थे। क्योंकि आप और कांग्रेस के 8 वोट अमान्य पाए गए थे।
बैलेट पेपर्स के साथ की गई छेड़छाड़
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बांगड़ की पीठ ने आम आदमी पार्टी की को अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था। आप पार्टी ने याचिका दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ हे। बैलेट पेपर्स (मतपत्रों) के साथ छेड़छाड़ की गई और वोट के रिजल्ट भाजपा के पक्ष में निकाले गए।
आम आदमी पार्टी ने याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद करने, चुनाव से जुड़ा पूरा रिकार्ड सील करने, मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाने, चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करने और नए सिरे से हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।
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आप पार्षद ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील
इस याचिका पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने किसी भी तरह का कोई फाइनल आदेश जारी नहीं किया। हालांकि उसने चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह और नवनिर्वाचित मेयर मनोज सोनकर समेत अन्य को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में अपना जवाब देने के लिए कहा था। हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 26 फरवरी, 2024 तक के लिए स्थगित कर दी थी। अंतरिम राहत देने से इन्कार करने और याचिका को तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के खिलाफ आप पार्षद कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अपील दायर की थी।