Delhi Pollution: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार को देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई। इस सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि जब तक राजधानी में प्रदूषण में गिरावट नहीं आएगी, तब तक जीआरएपी के चौथे चरण के प्रतिबंधों में कोई छूट नहीं दी जाएगी। दिल्ली सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने सवाल किया कि ग्रैप-4 के प्रतिबंधों को लागू करने और विशेष तौर से राजधानी दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए कितने अधिकारी तैनात किए गए हैं। इसको लेकर कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई है।
'दिल्ली सरकार का कोर्ट को जवाब'
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि वह ग्रैप-4 के प्रतिबंधों को सही ढंग से लागू न करने के आरोपों की जांच करेगी। हालांकि केवल 2-3 घटनाओं के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि 1.5 करोड़ आबादी वाला पूरा शहर नियमों का पालन नहीं कर रहा है।
इस तारीख को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर यह स्पष्ट कर दिया कि ग्रैप-4 के प्रतिबंधों में कोई भी ढील देने से पहले दिल्ली में वायु प्रदूषण में लगातार गिरावट आनी चाहिए। इस मामले में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी, इसको लेकर कोर्ट ने CAQM को निर्देश दिया कि जब तक प्रदूषण में गिरावट का रुझान नहीं होता है, तब तक वह प्रतिबंधों को कम करने की अनुमति नहीं देगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि एनसीआर के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होना होगा।
इस कॉन्फ्रेंस में सभी सचिवों को यह जानकारी देनी होगी कि उन निर्माण श्रमिकों को मुआवजा दिया गया या नहीं, जो ग्रैप-4 की पाबंदियों के कारण बेरोजगार हो गए थे। आपको बता दें कि दिल्ली के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के सामने पेश होकर अपनी रिपोर्ट देंगे।
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