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Supreme Court: बीती रात डीडीए ने मयूर विहार फेज 2 के तीन मंदिरों को तोड़ने का नोटिस जारी किया था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ और टीम वापस चली गई। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया। 

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मयूर विहार फेज 2 में स्थित तीन मंदिरों को तोड़ने से रोकने की कार्रवाई का आदेश देने से मना कर दिया है। अदालत ने रोक लगाने की कार्वाई करने से मना करते हुए हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। बता दें कि बीती रात डीडीए ने दिल्ली के मयूर विहार के तीन मदिरों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया था। इस पर काफी विरोध हुआ और ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। वजह थी कि ये मंदिर ग्रीन बेल्ट में आ रहे हैं और हाई कोर्ट की तरफ से आदेश दिए गए थे कि जो मंदिर ग्रीन बेल्ट में आते हैं, उन्हें हटा दिया जाए। ऐसे में डीडीए और दिल्ली पुलिस की टीम इन मंदिरों को तोड़ने पहुंची थी लेकिन विरोध के कारण ऐसा नहीं हो पाया। 

इन मंदिरों को तोड़ने का दिया गया था फरमान

बता दें कि मयूर विहार फेज 2 में तीन मंदिर हैं। पूर्वी दिल्ली काली बाड़ी समिति, श्री अमरनाथ मंदिर संस्था और श्री बद्रीनाथ मंदिर संस्था। DDA की तरफ से इन मंदिरों को तोड़ने के लिए बीती रात 9 बजे नोटिस चिपकाया गया था। इस नोटिस में लिखा था कि इन तीनों मंदिरों को सुबह 4 बजे तोड़ दिया जाएगा। इसके बाद इलाके में काफी विरोध हुआ। विरोध को देखते हुए वहां क्षेत्र के विधायक पहुंचे और सीएम से बात कर टीम को वापस भेज दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। तीनों मंदिर की समितियों ने सुप्रीम कोर्ट में DDA ध्वारा 19 मार्च 2025 को जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी। 

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने का दिया निर्देश

याचिका में कहा गया कि ये मंदिर 35 साल पुराने हैं। DDA ने इन मंदिरों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया। हालांकि इस नोटिस से पहले उन्होंने समितियों से बात तक नहीं की। डीडीए ने खुद काली बाड़ी मंदिर के बाहर दुर्गा पूजा का आयोजन करने की अनुमति दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्हें हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया।  

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